Pradosh Vrat: हिंदी कैलेंडर के अनुसार हर महीने में दो त्रयोदशी तिथि होती हैं और इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सुखों की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि 1 जून को गुरू प्रदोष व्रत रखा जा रहा है. त्रयोदशी तिथि 1 जून दोपहर 1 बजकर 39 मिनट से शुरू हो रही है और इसके समाप्त होने का समय 2 जून दोपहर 12 बजकर 48 मिनट है.
शाम 7 बजकर 14 मिनट से रात 9 बजकर 16 मिनट तक है. जिसकी कुल अवधि 2 घंटे 2 मिनट की है.
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. साफ कपड़ें पहनकर भगवान को याद करें और व्रत व पूजा का संकल्प लें. शाम के समय पूजा करने के लिए बेलपत्र, धतूरा, भांग, फूल, दीप आदि अर्पित करें. इसके बाद प्रदोष की कथा पढ़कर भोलेनाथ की आरती करें. अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोल लें.