Shankaracharya Statue: हमारे भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं जिनमें से एक नर्मदा नदी के किनारे ओंकारेश्वर में स्थित है.
बारह ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वेश्वर (विश्वनाथ), त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुष्मेश्वर (घृष्णेश्वर) शामिल हैं.
मध्य प्रदेश के खंडवा के ओंकारेश्वर में ही नर्मदा नदी के किनारे मांधाता पहाड़ी पर हिंदू संत आदि शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची प्रतिमा 'एकात्मता की मूर्ति' बनाई गयी है. जिसका उद्धघाटन मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान 21 सितंबर को करेंगे.
प्रतिमा को बनाने का काम पिछले एक साल से चल रहा है. इस प्रतिमा के ऊपर 6,000 लीटर की प्रोटेक्टिव कोटिंग यानि पेंट किया गया है जिससे कि ये प्रतिमा 8-10 वर्षों तक के लिए चमकदार बनी रहे.
आदि शंकराचार्य शिव का अवतार माने जाते हैं और ये हिन्दू फिलॉस्फर एवं पूरे कलियुग के धर्मगुरु थे. उनका जन्म कालड़ी, केरला में हुआ था, उन्हें जगद्गुरु के तौर पर मान्यता भी प्राप्त है, ये उपाधि हर युग मे एक ऋषि को प्राप्त होती है.
आदि शंकराचार्य ने 8 साल की उम्र में सन्यास ले लिया था और 12 वर्ष की उम्र में ये ओंकारेश्वर आए थे. ऐसी मान्यता है कि उस दौरान नर्मदा नदी उफान पर थी और जब आदि शंकराचार्य ने अपने कमंडल में नर्मदा का जल भरा तो वो शांत हो गयी थी.
इसके महत्त्व को देखते हुए ही आदि शंकराचार्य के बाल रूप की प्रतिमा बनाने का फैसला लिया गया जो कि अष्टधातु से बनाई गयी है. इस प्रतिमा को बनाने के का काम पिछले एक साल से चल रहा था.
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