Lakshmi Puja on Sharad Purnima: वैसे तो पूरे देश में दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है. लेकिन बंगाली समुदाय के लोग शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसे लोक्खी पूजा या लखी पूजा कहते हैं.
इस साल शरद पूर्णिमा यानि लोक्खी पूजा 28 अक्टूबर को है. इस दिन बंगाली लोग पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी की मूर्ति को मंडप में स्थापित कर विशेष पूजा करते हैं उनके साथ नारायण की भी पूजा की जाती है.
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर बैठकर पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं. इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाकर भोग लगाया जाता है और लोगों को दावत दी जाती है.इस दिन को कोजागरी पूर्णिमा, कमला पूर्णिमा, रास पूर्णिमा, लोक्खी पूजा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है, पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था. वहीं, ओड़िसा, बंगाल, असम, त्रिपुरा जैसे भारत के पूर्वी हिस्से इस दिन लक्ष्मी पूजा यानि कि लोक्खी पूजा का विधान है. इसके अलावा, शरद पूर्णिमा पर रातभर खुले आसमान के नीचे रखी खीर खाने का महत्व है खासकर चांदी के बर्तन में.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, चंद्रमा को मन और औषधि का देवता माना जाता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है और इसकी किरणें अमृत की वर्षा करती हैं.मान्यता है कि रात भर चांद की रोशनी में शरद पूर्णिमा पर खीर रखने से उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं. फिर अगले दिन सुबह-सुबह इस खीर का सेवन करने पर सेहत अच्छी रहती है.
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