Shardiya Navratri 2023: 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन माता पार्वती (Mata Parvati) के अवतार शैलपुत्री (Shailputri) की अराधना की जाती है. हिमालय पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता हैं.
मां शैलपुत्री एक हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं और दूसरे हाथ में कमल का फूल. माता को सफेद वस्तु बेहद प्रिय है इसीलिए इन्हें सफेद वस्त्र, फूल अर्पित किया जाता है. इन दिन मां को सफेद बर्फी का भोग लगाया जाता है.
मान्यता है कि माता की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है. मां शैलपुत्री की कृपा से पारिवारिक स्थिति, दांपत्य जीवन, पारिवारिक क्लेश और बीमारियां दूर होती हैं. प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा के लिए ॐ शैलपुत्रये नमः मंत्र का जाप करें.
इस साल घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है.
वन्दे वंछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् |
वृषारूढाम् शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ||