हिंदू धर्म में अमावस्या तिथी का खास महत्व होता है. इस दिन पितरों की पूजा की जाती है. साथ ही, यह दिन श्राद्ध करने के लिए भी शुभ माना जाता है. पितरों को खुश रखना बेहद जरूरी है, इससे घर में सुख शांति बनी रहती है. चलिए जानते हैं वैशाख अमावस्या की तिथी और महत्व.
पंचांग के अनुसार वैशाख के माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या 07 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट से होगी और 08 मई सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में इस बार वैशाख अमावस्या 08 मई को मनाई जाएगी.
वैशाख अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए. सुबह उठकर नदी में नहाने की परंपरा है. नहाने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं. इस दिन पितरों की शांति के लिए व्रत रखना चाहिए. साथ ही, गरीबों में दान करने से भी लाभ होगा.
कहते हैं पानी पिलाना सबसे अच्छा काम होता है. इसलिए इस दिन नहाने के बाद जलदान करें. आप चाहें, तो गरीबों को पानी पीला सकते हैं. ऐसा करने से पितृ खुश हो जाते हैं और घर में शांति बनी रहती है.
इस दिन पक्षियों को दाना और पानी देन से लाभ मिलता है. इसके अलावा आप गाय और कुत्ते को रोटी भी खिला सकते हैं. ऐसा करने से पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है. माना जाता है कि जीवों के जरिए हमारे पितृ खाना और पानी ग्रहण करते हैं.
कहा जाता है कि अगर पितृ खुश न हो, तो घर में शांति बहाल हो जाती है. ऐसे में अगर आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस दिन ऊँ कुल देवताभ्यों नमः मंत्र का जाप करने से लाभ हो सकता है.
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