आज लोहड़ी का त्योहार है. मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है. लोहड़ी का त्योहार पूरे उत्तर भारत में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार फसल की बुआई और कटाई से जुड़ा है.
माना जाता है कि इस दिन प्रकृति में कई तरह के बदलाव होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे पड़ा लोहड़ी पर्व का नाम, तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की कहानी.
लोहड़ी का अर्थ
बता दें कि लोहड़ी में तीन शब्द है, जिसमें पहला लो यानी लकड़ी, दूसरा ओह अर्थाथ गोहा और ड़ी मतलब तिल और रेवड़ी है. इस कारण से लोहड़ी के दिन अग्नि में गुड़, तिल और रेवड़ी अर्पित किए जाते हैं.
लोहड़ी त्योहार से जुड़ी जरूरी बातें
- लोहड़ी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर नहाने के बाद अग्नि और सूर्य देवता की पूजा करें. इस दिन पूजा करने से आपको लाभ मिल सकता है.
- आर्थिक स्थिती में सुधार लाने के लिए आपको इस दिन उपाय करना चाहिए. लोहड़ी के दिन लाल रंग के कपड़े में गेहूं बांधकर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दें. गेंहू का दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाएंगी. साथ ही, आपके घर में अन्न की कमी नहीं होगी.
- लोहड़ी के दिन अग्नि में रेवड़ी और तिल अर्पित किए जाते हैं. इसी तरह इस दिन गरीब कन्याओं को रेवड़ी खिलाने से फायदा हो सकता है.
- लोहड़ी के दिन घर में प्याज और लहसुन का खाना न बनाएं. साथ ही, मांस-मछली का सेवन करने से बचें.
- इस दिन काले कपड़े न पहनें. काले रंग के बजाय रंग-बिरंगे कपड़े पहनें.
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