हम सभी 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में नया साल की तारीख अलग है. चलिए जानते हैं इस बारे में.
क्या आप जानते हैं, जहां सारी दुनिया 1 जनवरी को नया साल का जश्न मनाती है. वहीं, हिंदू धर्म में चैत्र माह को नया साल माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, इस साल 9 अप्रैल को नया साल मनाया जाएगा. ब्रह्म पुराण के अनुसार इस दिन ब्रहा ने संसार की रचना शुरू की थी.
खास बात यह है कि इस दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू हैं. ऐसे में यह दिन कई मायनों में बेहद खास हो जाता है.
इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं. नहाने के बाद आप दुर्गा चालीसा सुन सकते हैं या उसका जाप कर सकते हैं. नए साल के दिन दान करने से फायदा हो सकता है. इसके अलावा, क्योंकि इस दिन पहला नवरात्रि है. इसलिए मां शैलपुत्री की पूजा करें. साथ ही, उन्हें गाय के घी का भोग भी लगाएं.
बता दें कि 8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण अगले दिन 9 अप्रैल को समाप्त होगा. इसलिए देवी दुर्गा की सुरक्षा और आशीर्वाद पाने का इससे बेहतर कोई समय नहीं है.
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि प्रकृति में नए जीवन और शक्ति के आगमन की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है. नवरात्रि में नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है. इन रूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं.
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