Utpanna Ekadashi: यूं तो साल में 24 और हर महीने 2 एकादशी तिथि आती है लेकिन मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथी बेहद खास होती है. इसे उत्पन्ना एकादशी कहते हैं. इस साल ये एकादशी 8 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ रही है.
मान्यता है कि इस दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था. इसीलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहते है. एकादशी माता को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना जाता है इसीलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. ये एकादशी भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है.
एकादशी तिथि की शुरुआत 8 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 6 मिनट से शुरू होगी और 9 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर समापन होगा. इसीलिए उदयातिथि के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर को ही मनाई जाएगी.
उत्पन्नाशी एकादशी का आदान-प्रदान पुराणों में एक रोचक कथा के रूप में मिलता है. एक समय की बात है, स्वर्ग में देवराज इंद्र बहुत दिनों तक अपने स्वर्गीय सुखों में मग्न रहकर अपने कर्मों को भूल गए थे. इसके परिणामस्वरूप, उनके स्वर्ग में असुर तारकासुर ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए देवताओं पर आक्रमण कर लिया. देवताओं ने इस समस्या का हल निकालने के लिए विष्णु भगवान की शरण ली.
विष्णु भगवान ने देवताओं के अच्छूत रूप में स्वर्ग से उतरकर उनके समक्ष प्रकट होकर कहा, "मैं उत्पन्नाशी एकादशी के रूप में अवतरित हूँ, जिसे श्रद्धा भक्ति से मनाने से तुम्हारी सभी समस्याओं का नाश होगा." उन्होंने तारकासुर और उसके सैन्य को पराजित करने के बाद स्वर्ग में वापस जाकर देवताओं को सुख-शांति प्रदान की.