14 फरवरी को अबू धाबी में बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर का उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. यह मंदिर आम लोगों के लिए 1 मार्च को खोला जाएगा. चलिए जानते हैं क्यों खास है यह मंदिर.
कहा जा रहा है कि यह मंदिर प्यार और सद्भभावना का प्रतीक है. BAPS की स्मृति शॉप में में विजिटर्स के लिए हैंडी क्राफ्ट चीजों से लेकर इको फ्रेंडली बैग तक हैं.
इस शॉप में लोग वॉलंटियर कर रहे हैं. इस शॉप में टी-शर्ट से लेकर बोतल और डायरी तक, सब कुछ मिलता है. यहां, हर सामान प्यार, शांति और सद्भाव को दर्शाता है.
अबू धाबी में बने इस मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) ने किया है. यह हिंदू धर्म के वैष्णव संप्रदाय, स्वामीनारायण संप्रदाय का एक संप्रदाय है.
इस संस्था ने नई दिल्ली और गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर और लंदन, ह्यूस्टन, शिकागो, अटलांटा, टोरंटो, लॉस एंजिल्स और नैरोबी में स्वामीनारायण मंदिर बनवाएं हैं.
यह एक पारंपरिक हिंदू मंदिर है, जो सात शिखरों में बना है. यह मंदिर नागर शैली में बना है. इस मंदिर के सामने के पैनल में सार्वभौमिक मूल्यों, विभिन्न संस्कृतियों के सद्भाव की कहानियों, हिंदू आध्यात्मिक नेताओं और अवतारों को दिखाया गया है.
अबू धाबी में बना यह हिंदू मंदिर 27 एकड़ में फैला है. 13.5 एकड़ में मंदिर परिसर है, जिसमें 13.5 एकड़ का पार्किंग एरिया बनाया है. इस पार्किंग एरिया में लगभग 1,400 कारें और 50 पार्क की जा सकती हैं.
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