चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की उपासना का दिन है (Navratri 3rd Day). मां दुर्गा का ये तीसरा अवतार बेहद अलौकिक है. मां के माथे पर अर्ध चंद्र रहता है इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा है(Vaishno Devi). मां दुर्गा के इस अवतार की उपासना मां वैष्णो के रूप में भी की जाती है.
पौराणिक कथा के अनुसार महिषासुर के अत्याचारों को देखकर ब्रम्हा, विष्णु और महादेव को बहुत गुस्सा आया. उनके मुख से एक ऊर्जा निकली जो आपस में विलीन हो गई. इसी ऊर्जा से देवी का अवतरण हुआ.
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ये शेर की सवारी करती हैं और इनके दस हाथ हैं. हाथों में कमल का फूल, धनुष, जप माला, तीर, त्रिशूल, गदा, कमंडल, तलवार हैं. देवी हमेशा अपने भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहती हैं. मां के इस स्वरूप की पूजा करने से सारे पाप और काम में पड़ रही सभी रुकावटें दूर होती हैं. हमेशा गुस्से में रहने वाले और हर बात में तनाव लेने वालों को मां की अराधना ज़रूर करनी चाहिए.
नवरात्र के तीसरे दिन लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लाल रंग सुंदरता और साहस का प्रतीक है.
मां की पूजा करते हुए लाल चुनरी भेंट करें.
इस दिन श्रद्धालु मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं-
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।