हरिद्वार की धर्म संसद (Dharm Sansad) से मुसलमानों का नरसंहार करने का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि, छत्तीसगढ़ में हुई एक और धर्म संसद विवादों में आ गई. रविवार को सूबे की राजधानी रायपुर के रावणभाठा मैदान में आयोजित हुई इस धर्म संसद में खुलेआम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatama Gandhi) के लिए अभद्र और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया. महाराष्ट्र के अकोला से आए कथित संत कालीचरण (Kalicharan) ने मंच से देश के विभाजन के लिए महात्मा गांधी को कोसा. औऱ उनके हत्यारे नाथू राम गोडसे (Godse) की जय-जयकार की.
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हालांकि, छत्तीसगढ़ गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कालीचरण के बयान का खुले मंच से विरोध किया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि वो इस कार्यक्रम से ताल्लुक नहीं रखते. भड़के हुए लहजे में रामसुंदर दास ने कहा कि, मंच से महात्मा गांधी को गाली दी गई है, हम इसका विरोध करते हैं. ये सनातन धर्म नहीं और ना ही धर्म संसद के मंच पर इस तरह की बात होनी होनी चाहिए. इतना कहने के बाद वो अपने साथियों के साथ इस धर्म संसद को छोड़कर चले गए.
अब इस धर्म संसद में बापू पर अभद्र टिप्पणी करने वाले कालीचरण पर छत्तीसगढ़ के टिकरापारा क्षेत्र में धारा 505(2) और 294 के तहत केस दर्ज हुआ है. हालांकि, कांग्रेस समेत तमाम सियासी दल के नेता इसपर तीखी आलोचना दे रहे हैं. और कालीचरण के खिलाफ देशद्रोह समेत सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.