King Charles III की ताजपोशी में खर्च हो रहे 1021 करोड़ रुपये, जानिए क्या है इस समारोह की 5 बड़ी बातें?

Updated : May 06, 2023 17:10
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Editorji News Desk

King Charles Coronation:  70 साल बाद ब्रिटेन के नए राजा किंग चार्ल्स III (King Charles III) की ताजपोशी वेस्टमिंस्टर ऐबी में एतिहासिक और भव्य समारोह का आयोजन किया गया. लगभग 1021 करोड़ रुपये के खर्चे पर हो रहे इस शाही समारोह के बारे में हम आपको बताते है 5 बड़ी बातें..

ब्रिटेन के नए राजा किंग चार्ल्स की ताजपोशी वेस्टमिंस्टर ऐबी में हुई. 723 साल पुराने महाराज एडवर्ड के सिंहासन पर बैठ कर किंग चार्ल्स ने आशीर्वाद लिया. ये सिंहासन बेहद खास है क्योकि 1626 के बाद ब्रिटेन में जितने भी राजा या रानी हुए हैं, उन्हें ताजपोशी के बाद इसी सिंहासन पर बिठाया गया है. 

सिंहासन पर बैठने के बाद किंग को लगभग 326 करोड़ का 1661 में बना ताज पहना. 2868 हीरे, 17 नीलम, 11 पन्ने, 4 रूबीज और 269 मोतियों से जड़े इस ताज की अनुमानित कीमत 454 करोड़ रुपये (51 मिलियन डॉलर) से भी ज्यादा है. इसका वजन लगभग 2 किलो होता है. किंग चार्ल्स ने भी एबी से बाहर निकलने के बाद यही ताज पहना. 

6 मई को किंग चार्ल्स III की पत्नी कैमिला ने राज्याभिषेक के दौरान 1911 में किंग जॉर्ज V की पत्नी क्वीन मैरी के लिए बनाया गया ताज पहना. 18वीं शताब्दी के बाद पहली बार रानी का ताज दोबारा इस्तेमाल होगा. विवाद में न घिरने की वजह से कोहिनूर वाला ताज नहीं पहना.

चार्ल्स अपनी ताजपोशी के दौरान अपने पूर्वजों द्वारा पहने गए शाही कपड़े पहने. ये शाही कपड़े पहनने की परंपरा उनकी पीढ़ी में साल 1820 से चलती आ रही है. जिसमें सोने की कढ़ाई वाला दस्ताना भी मौजूद है.

इसी परंपरा के मद्देनज़र राज्याभिषेक के दौरान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कुलुस्सियों की बाइबिल किताब से संदेश पढ़ा. सुनक ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री हैं और एक हिंदू हैं.

1953 में जवाहर लाल नेहरू के बाद इस बार साल 2023 में राज्याभिषेक समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में अब तक 39 राजाओं का राज्याभिषेक किया जा चुका है. वहीं सोनम कपूर एकमात्र भारतीय एक्ट्रेस जो एक्सक्लूसिव स्पोकन वर्ड पीस देने के लिए कॉन्सर्ट में भाग ले रही है.

किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक में एक पत्थर बेहद खास है. इस पत्थर का नाम 'बलुआ पत्थर' यानी 'स्टोन ऑफ डेस्टिनी' है. कहते हैं कि इस पत्थर की मौजूदगी के बिना राज्याभिषेक पूरा नहीं होता. इस पत्थर को स्कॉटलैंड से लंदन लाया गया है. इस पत्थर को किंग एडवर्ड I ने साल 1296 में स्कॉटलैंड से जीता था. 

ये भी देखें: King Charles Coronation: किंग चार्ल्स III की ताजपोशी आज, जानें पूरी प्रक्रिया

King Charles III

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