देश भर में केद्र की 'अग्निपथ' योजना (Agneepath Scheme) के भारी विरोध के बीच सरकार युवाओं को समझाने में लगी है. सरकार ने एक अनौपचारिक फैक्ट शीट जारी कर कहा है कि कई ऐसे देश हैं जो पहले से इस तरह की योजना लागू कर चुके हैं. आइए जानते हैं वे कौन से देश हैं और वहां के नियम क्या हैं...
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अमेरिका (America) में भर्तियां स्वैच्छिक आधार पर होती हैं. ज्यादातर सैनिक 4 साल के लिए भर्ती होते हैं और जरूरत पड़ने पर सैनिकों को 4 साल का एक्सटेंशन दिया जाता है. ये सैनिक फुल सर्विस के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं और अगर 20 साल सेवा देते हैं तो पेंशन और दूसरे फायदों के योग्य माने जाते हैं. जो सैनिक जल्दी रिटायर होते हैं उन्हें भत्ता दिया जाता है. अमेरिका के पास करीब 14 लाख सैनिकों की फौज है.
चीन (China) अपनी सेना में हर साल करीब 4.5 लाख सैनिकों को भर्ती करता है. चीन में युवा आबादी ज्यादा है इसलिए हर साल इस भर्ती के लिए 80 लाख लोग तैयार रहते हैं. इस आधार पर भर्ती होने वालों को दो साल सेवा का मौका दिया जाता है जिसमें से 40 दिन ट्रेनिंग दी जाती है. इन सैनिकों को फुल सर्विस में भी रख लिया जाता है. दो साल सेवा देने वाले सैनिकों को टैक्स बेनिफिट और लोन दिया जाता है.
फ्रांस (France soldier recruitmen) में सैनिक भर्ती के लिए कई मॉडल हैं. यहां सैनिकों की भर्ती कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है. एक साल के रिन्यूएबल कॉन्ट्रैक्ट से पांच साल तक के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जो कि रिन्यू भी हो जाते हैं. सैनिकों को तीन महीने ट्रेनिंग दी जाती है और जो 19 साल तक सेवा देते हैं उन्हें पेंशन का लाभ मिलता है.
रूस (Russia) में भर्ती के लिए सशस्त्र बलों में कॉन्ट्रैक्ट होता है. यह सैनिक भर्ती का एक हाइब्रिड मॉडल है. एक साल की ट्रेनिंग के बाद एक साल सेवा का मौका मिलता है, इसके बाद उन्हें रिजर्व में रखा जाता है. इन्हीं कैंडिडेट में से परमानेंट सैनिकों की भर्ती की जाती है. सैनिकों को लाभ के तौर पर विश्वविद्यालय एडमिशन में छूट और सैन्य संस्थानों में भी पढ़ाई का मौका दिया जाता है.
इजरायल (Israel) ऐसा देश है जहां सभी को सेना में सेवा देना जरूरी है. इन सैनिकों को बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है. पुरुषों को कम से कम 32 महीने और महिलाओं को 24 महीने की सेवा देनी होती है. इस सेवा के बाद उन्हें रिजर्व लिस्ट में रखा है. जरूरत पड़ने पर कभी भी ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है. इनमें से 10 फीसदी को सेना में भर्ती कर लिया जाता है और सात साल का कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है. 12 साल की सेवा देने के बाद सैनिक पेंशन के योग्य होता है.
वहीं, सरकार ने गुरुवार रात योजना में बड़ा बदलाव किया. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है. हालांकि ये ढील केवल इसी साल यानी 2022 की भर्ती प्रक्रिया में ही लागू होगी.