Attack on Shinzo Abe : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) ने प्रधानमंत्री रहते हुए भारत और जापान (India and Japan) के रिश्तों को बेहद खास मुकाम तक पहुंचाया है...भारत में मेट्रो ट्रेन, बुलेट ट्रेन,( metro train, bullet train) नागरिक परमाणु ऊर्जा, इंडो पैसिफिक गठजोड़ और समुद्री सुरक्षा जैसे कई प्रोजेक्ट्स हैं जिनमें कहीं न कहीं शिंजो आबे की भूमिका रही है. यही वजह है कि हिंदुस्तान ने भी अपने इस जिगरी दोस्त को देश को दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) से सम्मानित किया है. आइए जानते हैं शिंजो आबे क्यों भारत के लिए बेहद अहम थे.
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67 साल के शिंजो लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) से जुड़े थे. आबे 2006 से 07 के दौरान प्रधानमंत्री रहे. इसके बाद, 2012 से 2020 तक लगातार 8 साल तक प्रधानमंत्री रहे. उनके नाम जापान में सबसे लंबे समय यानी नौ साल तक तक PM पद पर रहने का रिकॉर्ड है. उन्हें आक्रामक नेता माना जाता है. शिंजो को आंत से जुड़ी बीमारी अल्सरट्रेटिव कोलाइटिस थी, इसकी वजह से उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
मोदी के खास दोस्त रहे आबे, पद्म विभूषण से नवाजा गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी दोस्ती के चर्चे पूरी दुनिया में थे. शिंजो आबे पीएम मोदी को अपना खास दोस्त बताते थे और पीएम मोदी भी उनकी दोस्ती को एक कदम आगे बढ़ कर गले लगाते थे. कहा जाता है कि जापान का प्रधानमंत्री रहते हुए भी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्विटर पर फॉलो किया करते थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद जब मोदी जापान गए तो शिंजो आबे ने उन्हें क्योटो का दौरा कराया और बनारस के विकास का समझौता भी किया. इसके बाद वे खुद भी साल 2015 में बनारस आए और गंगा आरती में भाग लिया. इसके बाद साल 2017 में प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अहमदाबाद के साबरमती आश्रम ले गए थे. भारत के प्रति शिंजो आबे का प्यार ही था कि मोदी सरकार ने साल 2021 में उन्हें पद्मविभूषण पुरस्कार से नवाजा.
भारत को दिया था बुलेट ट्रेन का तोहफा
शिंजो आबे ही वह नेता हैं जिनके पहल के चलते आज भारत में बुलेट ट्रेन का रास्ता साफ हुआ है. आपको बता दें कि जापान ने भारत को बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए अन्य देशों के मुकाबले बेहद कम दर पर ऋण मुहैया कराया था. वहीं लोन वापसी का समय भी 25 वर्षों की जगह 50 वर्ष रखा गया है. शिंजो आबे भारत को वैश्विक समृद्धि की दिशा में एक ग्लोबल पावर के रूम में देखना चाहते थे.
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भारत से रहा है खास रिश्ता
शिंजो आबे भारत से खास लगाव महसूस करते थे, यही वजह थी कि वह एक ऐसे जापानी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा बार भारत का दौरा किया था. पहली बार भारत शिंजो आबे साल 2006-07 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान आए थे. उसके बाद साल 2012-20 के अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान शिंजो आबे ने भारत का तीन बार दौरा किया था. यह तीनों दौरा साल 2014, 2015 और सितंबर 2017 में हुआ था.