बरसों से चल रही आर्मेनिया(Armenia)और अजरबैजान( Azerbaijan)के बीच की जंग (War)अब अलग मोड़ ले चुकी है. हाल ही में दोनों देशों के बीच सैन्य झड़प में लगभग 100 सैनिकों के मारे जाने की खबर है.आर्मीनिया ने दावा किया है कि उसके कम से कम 49 सैनिक मारे गए हैं,जबकि अजरबैजान ने कहा कि उसे 50 सैनिकों का नुकसान हुआ है. दोनों देश दो साल पहले भी नागोर्नो काराबाख को लेकर 3 महीने की जंग लड़ चुके हैं, जिसमें आर्मेनिया को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. बाद में रूस ने दोनों देशों के बीच युद्ध को समाप्त करवाया था.
आर्मेनिया और अजरबैजान में छिड़ी जंग
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बात की जाए तो आर्मेनिया और अजरबैजान की तुलना भारत और पाकिस्तान के रिश्तों से की जाती है, क्योंकि दोनों ही देश आजादी के समय से ही एक दूसरे के कट्टर दुश्मन रहे हैं. इनके बीच भी भारत के कश्मीर जैसे 'नागोर्नो-काराबाख' पर कब्जे को लेकर कई बार युद्ध (War) भी हो चुका है. ये इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है.
100 सैनिकों के मारे जाने की खबर
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1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया. उनकी इस हरकत को अजरबैजान ने सिरे से खारिज कर दिया. इसके बाद दोनों देशों के बीच कुछ समय के अंतराल पर अक्सर संघर्ष होते रहते हैं. आर्मीनिया ईसाई बहुल देश है, जबकि अजरबैजान इस्लामिक राष्ट्र है. वैसे ही भारत भी हिंदू बहुल है, जबकि पाकिस्तान घोषित तौर पर इस्लामिक देश है.