अमेरिका की सीनियर राजनयिक नैंसी पेलोसी (US Senior Diplomat Nancy Pelosi) के ताइवान (Taiwan) दौरे से चीन बुरी तरह भड़का हुआ है. चीन और ताइवान में इस वक्त तनाव (China-Taiwan Tension) अपने चरम पर है. आलम ये है कि दोनों देश युद्ध (War) के मुहाने पर खड़े हो गए हैं. ऐसे हालात में अगर चीन-ताइवान में युद्ध हुआ. तो इसका दुनिया के साथ-साथ भारत (India) पर भी बड़ा असर होगा. जंग होने की सूरत में मोबाइल-लैपटॉप (Mobile-Laptop) और कार (Car) से लेकर कई चीजों पर सीधा असर पड़ेगा.
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क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिहाज से ताइवान भले ही एक छोटा देश है. लेकिन सेमीकंडक्टर (Semiconductor) की दुनिया का बादशाह है. दुनियाभर के 90 फीसदी एडवांस सेमीकंडक्टर ताइवान में तैयार होते हैं. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कंप्यूटर (Computer), इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics), स्मार्टफोन (Smartphone), लैपटॉप (Laptop), एसी (AC) और कारों के सेंसर (Sensor) में बड़े पैमाने पर होता है. ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी यानी TSMC के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि चीन ने अगर ताइवान पर अटैक किया तो दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली कंपनी काम बंद कर देगी.
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भारत की कार निर्माता कंपनी अपने वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सेमीकंडक्टर के लिए ताइवान पर काफी हद तक निर्भर हैं. ऐसे में चीन-ताइवान में युद्ध होने पर भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. कोरोना (Corona) काल में भी सेमीकंडक्टर की सप्लाई चेन प्रभावित होने से देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को बड़ा झटका लगा था. सेमीकंडक्टर की कमी के चलते बाजार में कार की कमी हो गई थी. कई कंपनियों के उत्पादन कम कर देने से गाड़ियों के लिए लंबी वेटिंग होने लगी थी.
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चीन-ताइवान युद्ध का असर मोबाइल इंडस्ट्री (Mobile Industry) पर भी होगा. वीवो, शाओमी, पोको जैसी मोबाइल कंपनियां (Mobile Company) भले ही इसे भारत में बनाती हैं. लेकिन इसके लिए अधिकतर उपकरण चीन से आते हैं. युद्ध हुआ तो उपकरणों के आयात (Import) पर असर होगा. जिससे मोबाइल उत्पादन प्रभावित होगा. भारत में सेमीकंडक्टर की कुल खपत में से करीब 35 फीसदी हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक में जाता है. टीवी में इस्तेमाल होने वाला पैनल चीन से आता है. सोलर पैनल के लिए हम चीन पर निर्भर हैं. युद्ध की स्थिति में इन उपकरणों का आयात प्रभावित होगा. जिससे एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी, मोबाइल जैसे जरूरी इलेक्ट्रॉनिक सामान के दाम बढ़ जाएंगे.