'कोरोना महामारी के दौरान हर 30 घंटे में एक नया अरबपति उभरकर सामने आया, जबकि हर 33 घंटे में लगभग 10 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए.' ये दावा किया है गैर-सरकारी संगठनों के समूह ऑक्सफैम इंटरनेशनल (Oxfam International) ने.
स्विटजरलैंड के दावोस (Davos) में आयोजित वर्ल्ड इकानॉमिक फोरम (World Economic Forum 2022) की सालाना बैठक में ऑक्सफैम ने रिपोर्ट जारी की. जिसके मुताबिक- कोरोना काल के दौरान कुल 573 लोग नए अरबपति बने. जबकि 26 करोड़ 30 लाख लोग गरीबी के शिकार हो जाएंगे.
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दावोस में 'प्रॉफिटिंग फ्रॉम पैन' (Profiting from Pain) यानी पीड़ा से मुनाफाखोरी शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरी चीजों की कीमतें पिछले दशकों की तुलना में तेजी से बढ़ी हैं. महंगाई अरबपतियों के लिए वरदान बन गई है. खाद्य और ऊर्जा क्षेत्रों के अरबपति हर दो दिन में अपनी एक अरब डॉलर की संपत्ति बढ़ा रहे हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले दो सालों में अरबपतियों की संपत्ति में बीते 23 सालों की तुलना में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. दुनिया के अरबपतियों की कुल संपत्ति अब वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (global GDP) की 13.9 फीसदी के बराबर है, जबकि 2000 में ये 4.4 फीसदी थी.