पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) ने कहा कि 9/11 के हमले के बाद अमेरिका (America) हमारा दोस्त बना. उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोगों के लिए पाकिस्तानियों ने कुर्बानियां दीं. लेकिन बाद में अमेरिका ने हम पर ही प्रतिबंध लगा दिए. हमारे यहां ड्रोन अटैक हुआ. मुझे तालिबान खान कहा गया. हमारे ट्रेंड जिहादी हमारे खिलाफ हुए. कौन से कानून में लिखा गया कि दूसरा मुल्क ये तय करे कि कौन दहशतगर्द है और कौन बेकसूर.
इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि मैं किसी के सामने झुकूंगा नहीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की फॉरेन पॉलिसी, पाकिस्तान के लिए होगी. ये किसी के खिलाफ पॉलिसी नहीं थी, ये इंडिया के खिलाफ नहीं थी. इमरान खान ने कश्मीर राग अलापते हुए कहा कि उन्होंने (भारत) जब कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा तब मैंने उनके खिलाफ बात की.
संबोधन के बीच में ही अमेरिका का नाम लेकर इमरान खान फंस गए. अचानक हकलाते हुए किसी कोई दूसरा मुल्क है. इमरान खान ने दावा करते हुए कहा कि अमेरिका की तरफ से धमकी वाली चिट्ठी आई थी. वो चिट्ठी मेरे खिलाफ थी. उन्होंने कहा कि चिट्ठी में अविश्वास प्रस्ताव की बात थी. चिट्ठी में कहा गया था कि इमरान खान अगर प्रधानमंत्री रहे तो हमारे रिश्ते आपके मुल्क के साथ खराब हो जाएंगे. चिट्ठी में कहा गया कि इमरान खान चला जाए तो पाकिस्तान को माफ करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची गई.
इमरान खान ने कहा कि चिट्ठी में कहा गया था कि नए प्रधानमंत्री को लेकर कोई परेशानी नहीं है. विरोधी चाहते हैं कि मैं कैसे भी जाऊं. देश में बैठे लोगों की ये चिट्ठी साजिश है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि मेरे रूस जाने से अमेरिका नाराज हो गया.