भारत और चीन एकबार फिर आमने-सामने हैं और इस बार मुद्दा है शक्सगाम घाटी. भारत ने ड्रैगन को लाल आंख दिखाते हुए साफ कर दिया है कि शक्सगाम घाटी हमारी है. इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, भारत शक्सगाम घाटी को हमेशा से भारत का ही हिस्सा मानता हुआ आया है और हमने कभी भी 1963 में हुए तथाकथित चीन पाकिस्तान समझौते को स्वीकार नहीं किया है. इससे पहले भी कई मुद्दों पर भारत, चीन को चुनौती दे चुका है.
भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है.इसको देखते हुए भारत ने हर बार चीन की इन हरकतों का विरोध किया है. चीन कई मौकों पर भारतीय क्षेत्रों को अपने मैप में दिखाने की हिमाकत करता रहा है.
जिसकी वजह से भारत ने चीन को कई बार चेतावनी भी दी है.और इस बार भारत ने चीन को कहा कि शक्सगाम घाटी हमारी है और भारत वहां ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं है.भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि चीन के इन प्रयासों के खिलाफ हमने अपना विरोध चीन के समक्ष रखा है.और चीन की इस हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई है.
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत शक्सगाम घाटी को हमेशा से भारत का हिस्सा मानता आया है.हमने कभी भी 1963 में हुए तथाकथित चीन पाकिस्तान समझौते को स्वीकार नहीं किया है, जिसमें इस्लामाबाद ने शक्सगाम घाटी को अवैध रूप से बीजिंग को सौंपने की कोशिश की थी.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीजों को आगे बढ़ाने के लिए अगले दौर की बातचीत जल्द होगी. ये मुद्दे गंभीर हैं. इसलिए इनमें समय लगता है और हम जल्द ही अगले दौर की बातचीत करेंगे.
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