Khalistani Protest: गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने NIA को अमेरिका और कनाडा समेत यूरोपीय देशों में हुए खालिस्तानी उपद्रव की जांच के निर्देश दिए हैं. टीवी 9 न्यूज चैनल की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक अमेरिका और कनाडा में भारतीय हाई कमिशन पर हमले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंपी जा सकती है.
बता दें कि खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका (USA) के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कांसुलेट और कनाडा (CANADA) के ओटावा में भारतीय हाई कमिशन (Indian High Commission) पर हमला किया था. खालिस्तानी झंडे के साथ आए अमृतपाल के समर्थकों ने यहां खूब उपद्रव मचाया था और जमकर तोड़फोड़ की थी. दरअसल, खालिस्तान समर्थकों ने अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के विरोध में ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा समेत कई अन्य देशों में भारतीय हाई कमिशन पर हमला कर दिया था. भारत ने संबंधित देशों के सामने भी यह बात रखी और सुरक्षा देने की अपील की थी.
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इससे पहले गृह मंत्रालय ने ब्रिटेन में हाई कमिशन पर हुए हमले की जांच भी एनआईए को सौंपी थी. लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों (Khalistani Terrorist) ने 19 मार्च को हमला किया था और भारत के राष्ट्रध्वज का अपमान किया था।. 18 अप्रैल को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी NIA को दी गई थी. 23 मई को NIA की पांच सदस्यीय टीम लंदन गई थी.
गृह मंत्रालय ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को अपनी शिकायत में कहा है कि केंद्र सरकार को जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस ने 8 जून को एक एफआईआर (FIR) दर्ज की है. आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं. एक्सप्लोसिव सब्सटांस केस की धारा 4 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. गृह मंत्रालय का कहना है कि कनाडा के ओटावा स्थित हाई कमिशन के बाहर अमरजोत सिंह (Amarjot Singh) की अगुवाई में 23 मार्च को भारत-विरोधी नारेबाजी की गई थी. बाउंड्री की दीवार पर खालिस्तानी झंडा लगा दिया था और हाई कमिशन बिल्डिंग के भीतर दो ग्रेनेड भी फेंके गए थे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में एनआईए अधिनियम में संशोधन किया था. जिससे एजेंसी को साइबर अपराधों और मानव तस्करी के अलावा विदेशों में भारतीयों और भारतीय हितों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों की जांच करने का अधिकार मिला था.