उत्तर कोरिया ने अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया की ओर कचरे से भरे सैकड़ों गुब्बारों के साथ कूड़े के पैकेट भेजे हैं. अब दक्षिण की सेना को देश के विभिन्न हिस्सों में कचरे और मलबे को इकट्ठा करने के लिए रासायनिक और विस्फोटक प्रतिक्रिया टीमों को तैनात करना पड़ा है. बता दें कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच की तनातनी किसी से छिपी नहीं है. उत्तर कोरिया द्वारा कचरे के गुब्बारे उड़ाया जाना हाल के वर्षों में दक्षिण कोरिया के प्रति सबसे विचित्र उकसावे वाला कदम है. दक्षिण कोरियाई सेना के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि मंगलवार की रात करीब 260 गुब्बारों के साथ भारी मात्रा में कूड़ा दक्षिण कोरिया पहुंचा.
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने सैन्य वैज्ञानिकों से उपग्रह प्रक्षेपण में मिली असफलता से उबरने और अंतरिक्ष में अपनी टोही क्षमताओं को विकसित करने को कहा था, जिसके बाद ये गुब्बारे उड़ाए गए.
किम ने अंतरिक्ष परियोजना को अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सैन्य गतिविधियों का मुकाबला करने में बेहद महत्वपूर्ण करार दिया.
बता दें कि उत्तर कोरिया का उपग्रह प्रक्षेपण मिशन सोमवार को असफल हो गया था. इससे ठीक कुछ घंटे पहले दक्षिण कोरिया ने अंतर-कोरियाई सीमा के निकट 20 लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास किया था. किम ने प्रक्षेपण असफल होने के बाद पहली सावर्जनिक टिप्पणी करते हुए दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास के खिलाफ ‘‘कड़ी’’ कार्रवाई की चेतावनी भी दी.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' की खबर के मुताबिक, किम ने मंगलवार को अपने भाषण में दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास को ‘‘उन्मादी पागलपन’’ और ‘‘नजरअंदाज नहीं करने योग्य खतरनाक उकसावे’’ वाला कदम करार दिया था.
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने दोनों देशों के बीच तनाव का संकेत देते हुए कहा कि उत्तर कोरिया मंगलवार रात से दक्षिण की ओर बड़ी संख्या में कचरे से भरे गुब्बारे उड़ा रहा है, जो सीमा पार प्योंगयांग के विरोध में पर्चे उड़ाने वाले दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं के खिलाफ स्पष्ट प्रतिशोध है.
दक्षिण कोरियाई सेना ने बताया कि बुधवार दोपहर तक देश के विभिन्न हिस्सों में उत्तर कोरिया के करीब 260 गुब्बारे गिरे हुए पाए गए, जिन्हें सेना की त्वरित प्रतिक्रिया और विस्फोटक निपटान टीम द्वारा बरामद किया जा रहा है.
सेना ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे उत्तर कोरिया से उड़ाए गए गुब्बारों को न छुएं और इस बारे में सूचना पुलिस या सेना को दें.
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