इस साल सऊदी अरब में भीषण गर्मी के बीच हज यात्रा के दौरान 1,300 से अधिक लोगों की मौत हुई है. सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी दी. इसके अलावा, हज यात्रा के दौरान पूर्व में भगदड़ मचने की घटनाएं और महामारी भी फैल चुकी है. ‘जर्नल ऑफ इन्फेक्शन एंड पब्लिक हेल्थ’ के अप्रैल संस्करण में पब्लिश एक आर्टिकल के अनुसार, प्रत्येक वर्ष हज के लिए कम आय वाले देशों से लाखों लोग आते हैं ‘‘जिनमें से कई को हज-पूर्व स्वास्थ्य देखभाल सेवा बहुत कम या बिलकुल भी नहीं मिलती है.’’ इसमें कहा गया है कि एकत्रित लोगों में संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं. हालांकि, इस साल मृतकों की संख्या से पता चलता है कि मौतों में वृद्धि का कारण कुछ और था.
जॉर्डन और ट्यूनीशिया समेत कई देशों ने कहा है कि उनके कुछ यात्रियों की मौत मक्का के पवित्र स्थलों पर पड़ने वाली गर्मी के कारण हुई.बुधवार को मुख्य मस्जिद के पास भारतीय यात्री खालिद बशीर बजाज ने कहा कि उन्होंने इस साल हज के दौरान ‘‘बहुत से लोगों को बेहोश होकर जमीन पर गिरते देखा.’’ सऊदी नेशनल सेंटर फॉर मेटेरोलॉजी के अनुसार, मंगलवार को मक्का और शहर के आसपास के धार्मिक स्थलों पर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया.
मिस्र के कई लोगों ने कहा कि वे गर्मी और भीड़ में अपने प्रियजनों से बिछड़ गए। सऊदी हज अधिकारियों के अनुसार, 2024 में 18.3 लाख से अधिक मुसलमानों ने हज किया, जिसमें 22 देशों के 16 लाख से अधिक लोग और सऊदी के 2,22,000 नागरिक और निवासी शामिल थे.