पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का रविवार को दुबई में निधन हो गया. परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान आर्मी के चीफ भी रहे थे. उन्होंने भारत के खिलाफ तीन युद्ध लड़े थे और तीनों ही बार मुशर्रफ को हार का सामना करना पड़ा था.
1965 का भारत-पाक युद्ध
परवेज मुशर्रफ ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक यंग ऑफिसर के रूप में लड़ाई लड़ी. ये युद्ध पाकिस्तान हार गया था. इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार ने मुशर्रफ को 'इम्तियाजी' मेडल देकर सम्मानित किया था.
1971 युद्ध में पाकिस्तान हारा, मुशर्रफ को मिला प्रमोशन
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में फिर युद्ध हुआ और इस बार युद्ध में परवेज मुशर्रफ की अहम भूमिका रही. 1965 से लेकर 1972 तक मुशर्रफ ने कुलीन विशेष सेवा समूह (SSG) में अपनी सेवाएं दीं. 71 की जंग में उनकी भूमिका को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने फिर से प्रमोशन दिया. पाकिस्तान युद्ध हार गया था.
1999 करगिल युद्ध में मुशर्रफ की बड़ी भूमिका
परवेज मुशर्रफ 1999 में करगिल में कब्जा करना चाहते थे उसके लिए उन्होंने पूरी साजिश रची थी, हालांकि करगिल युद्ध में मिली हार का ठीकरा उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर फोड़ा था.
तीन युद्धों में मिली करारी हार के बाद परवेज मुशर्रफ जब राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने भारत के साथ शांतिवार्ता की कोशिश की. मुशर्रफ ने खुद एक बार कहा था कि चार बिंदुओं पर पाकिस्तान और भारत के बीच सहमति बनते-बनते रह गई, जिसमें सियाचिन और कश्मीर शामिल थे. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में हमेशा अंतर रहा है.
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