Why Rishi Sunak lost to Liz Truss : भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की रेस हार गए हैं. कंजरवेटिव पार्टी लीडरशिप के लिए हुए चुनाव में ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) ने सुनक को शिकस्त दी. सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर ट्रस (47) ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी. चुनाव में 82.6 फीसदी वोटिंग हुई, जिसमें सुनक को 60,399 वोट जबकि ट्रस को 81,326 वोट मिले.
सुनक की हार इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि वह पीएम पद की रेस में शुरुआत में बढ़त बनाए हुए थे. आइए जानते हैं कि वह कौन सी वजहें रहीं जिनकी वजह से ऋषि सुनक इस बाजी को हाथ से गंवा बैठे.
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सुनक की पत्नी अक्षता (Akshata Murty) के पास देश की नागरिकता न होने का मुद्दा उनके खिलाफ गया. बता दें कि अक्षता इंफोसिस फाउंडर नारायण मूर्ति (Infosys Founder N. R. Narayana Murthy) की बेटी हैं. इसके अलावा एक और बात जो सीधे तौर पर सुनक के खिलाफ गई, वो थी कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर सदस्यों का दृष्टिकोण, वे चाहते थे कि अपने ही देश का कोई नागरिक प्रधानमंत्री बने.
जॉनसन के इस्तीफे के बाद सुनक ही पहले ऐसे पार्टी नेता थे जिन्होंने पीएम पद पर दावा ठोका था. तब कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर सांसद उनके साथ थे. 'Ready for Rishi' कैंपेन ने खूब कमाल किया. सुनक से मुकाबले के लिए खड़े हुए कई विरोधी रेस से बाहर हो गए. ट्रस की एंट्री रेस में सबसे आखिरी में हुई और वहीं विनर बन गईं.
‘द गार्डियन’ में छपे एडिटोरियल में यह लिखा गया था कि वित्त मंत्री के तौर पर इस्तीफा देने के बाद सुनक की रेटिंग काफी बढ़ गई थी, लेकिन कुछ कंजर्वेटिव सांसद और पार्टी मेंबर्स जॉनसन के इस्तीफे के लिए सुनक को ही दोषी मान रहे थे. सुनक को कई जगह पीठ में छुरा घोंपने वाला तक कहा गया.
सुनक अपने व्यक्तित्व और शांत रहकर काम करने की आदत से आगे तो बढ़े लेकिन लिज ट्रस से आगे नहीं बढ़ सके. लिज के समर्थन में खुद बोरिस जॉनसन भी थे. इस चुनावी समर में सुनक की छवि जॉनसन की गद्दी हथियाने वाले शख्स की बन गई. सुनक ने ही सबसे पहले जॉनसन के खिलाफ इस्तीफा देकर बगावत की शुरुआत की थी. बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने सुनक के खिलाफ ‘Back Anyone, But Rishi Sunak’ नाम का सीक्रेट कैंपेन भी शुरू किया था.
‘The Sunday Times’ के मुताबिक, कैम्पेन के शुरुआती दौर में एक वीडियो के जरिए आरोप लगे कि सुनक ने शहरी क्षेत्र के नागरिकों से कैंपेन के लिए फाइनेंशियल मदद ली है. कहा गया कि पत्नी अक्षता तो ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ से भी अमीर हैं. उनके पास 430 लाख पाउंड की संपत्ति हैं.
अगस्त में विरोधी लेबर पार्टी ने एक बयान में कहा- सुनक और पत्नी को कारोबार और लोन के बारे में ज्यादा पारदर्शी होना चाहिए. ‘द गार्डियन’ में तो सवाल भी पूछा गया कि सुनक बताएं, क्या उनके पास 730 लाख पाउंड की संपत्ति है?
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समाचार पत्र ‘द इंडिपेंडेंट’ ने लिखा गया कि अक्षता बताएं कि उन्होंने अब तक ब्रिटेन की नागरिकता क्यों नहीं ली? यहां से वह कारोबार तो संभालती हैं लेकिन नॉन डोमिसाइल स्टेटस का गलत फायदा उठाकर टैक्स से बच जाती हैं. इससे ब्रिटेन को भारी नुकसान की बात भी अखबार में लिखी गई.
ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि अमेरिका से ब्रिटेन आकर भी सुनक ने यूएस का ग्रीन कार्ड सरेंडर नहीं किया है. कैलिफोर्निया में उनके नाम पर अब भी 5 लाख पाउंड का आलीशान पेंटहाउस है.