समाचार एजेंसी AFB ने सोमवार को जानकारी दी है कि अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के तीन साल बाद रूस तालिबान को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा देगा. मॉस्को ने वर्षों से तालिबान के साथ संबंधों को बढ़ावा दिया है,
कई दौर की बातचीत की है और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अफगानिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ावा दिया है.न्यूज़ एजेंसी ने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के हवाले से कहा, "कजाकिस्तान ने हाल ही में उन्हें आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाने का फैसला लिया है, जो हम भी लेने जा रहे हैं." "कजाकिस्तान ने हाल ही में फैसला लिया है, जो हम भी लेने जा रहे हैं."
कजाकिस्तान ने 2023 के अंत में तालिबान को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से हटा दिया. यह कदम रूस और अफगानिस्तान के बीच कूटनीति को और बढ़ावा दे सकता है, लेकिन तालिबान सरकार और जिसे वह "अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात" कहता है, उसे आधिकारिक मान्यता नहीं मिल पाएगी.
तालिबान ने 2021 में अमेरिका समर्थित सरकार से सत्ता छीन ली. उन्होंने इस्लामी कानून का एक चरम रूप लागू किया है जो महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित करता है. लावरोव ने कहा कि रूस का फैसला जमीनी हकीकत को पहचानने के बारे में है.
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लावरोव ने कहा, "वे असली ताकत हैं. हम अफगानिस्तान के प्रति उदासीन नहीं हैं. और सबसे ऊपर, मध्य एशिया में हमारे सहयोगी उदासीन नहीं हैं." राज्य मीडिया ने बताया कि रूस ने तालिबान प्रतिनिधियों को अपने प्रमुख सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच में भी आमंत्रित किया.इस घटना को एक समय पश्चिम के साथ रूस के आर्थिक संबंधों की आधारशिला के रूप में देखा गया था.