चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम (China Taiwan Conflict) पर पहुंच गया है. ताइवान जैसा छोटा देश ड्रैगन को आंख दिखा रहा है. ये विवाद अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान यात्रा से बढ़ा है. नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन पहले से नाराज था. उनके ताइवान से रवाना होते ही चीन के 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर स्पेस में (Chinese fighter jets entered Taiwan airspace) घुस गए. चीन, ताइवान के आसपास वाले इलाकों में मिसाइल दाग रहा है. चीन लगातार अमेरिका को अंजाम भुगतने की चेतावनी दे रहा है. चीन ने ताइवान की सीमा के पास समुद्री इलाके में अपनी सेना को युद्धाभ्यास (Chinese army exercise) के लिए उतार दिया है. जिसे एक तरीके से तीन देशों के भीषण युद्ध की तरफ बढ़ने की ओर एक कदम बताया जा रहा है. नैंसी के ताइवान दौरे को चीन वन चाइना पॉलिसी (One China Policy) का उल्लंघन बता रहा है.
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हम विवाद को नहीं बढ़ाना चाहते- ताइवान
चीन ने तो ताइवान को डराने की सारी सामग्री तैयार कर ली है, लेकिन ताइवान अभी झुकने के मूड में नहीं है. वो अपने देश की रक्षा करने की बात कर रहा है और चीन को भी सख्त हिदायत देता दिख रहा है. ताइवान की राष्ट्रपति (Taiwan President Statement) ने एक बयान में कहा है कि चीन इस समय ताइवान के आसपास के इलाकों में मिलिट्री अभ्यास कर रहा है, ऐसे समय में अब बीजिंग से संयम से काम करने की अपील करते हैं. ताइवान इस विवाद को नहीं बढ़ाना चाहता है, लेकिन हर कीमत पर अपने लोकतंत्र की रक्षा करेगा.
चीन ने दागीं 11 बैलिस्टिक मिसाइलें
चीन ने ताइवान स्ट्रेट में निशाने चुनकर उन पर मिसाइलों से हमला किया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि चीन ने उसके उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी समुद्री इलाके में 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. उधर, पेलोसी की यात्रा से पहले ही अमेरिका ने ताइवान के पूर्वी इलाके में अपने चार युद्धपोत तैनात कर दिए थे.
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क्या है विवाद ?
दरअसल ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है. राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित चीन के नेता बार-बार कहते रहे हैं कि जरूरी हुआ तो ताइवान को अपने में मिलाने के लिए सेना का सहारा लिया जा सकता है. वहीं ताइवान में चुनी हुई सरकार है, उसका अपना संविधान है और ताइवान खुद को चीन का हिस्सा नहीं मानता. ताइवान के मामले में चीन को किसी भी देश का दखल पसंद नहीं है.