Taiwan Election: चीन की धमकी के बीच नया राष्ट्रपति चुनने के लिए ताइवान में मतदान जारी है. चुनाव पर चीन के साथ साथ अमेरिका की भी नजर है. ये चुनाव से ताइवान की चीन के साथ संबंधों की दिशा तय होगी. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। उसने मतदाताओं को सुझाव दिया है कि वे शांति और युद्ध के बीच विकल्प चुन सकते हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के बीच शुक्रवार को चीन के एक वरिष्ठ राजनयिक के साथ बैठक के दौरान ताइवान में शांति एवं स्थिरता के महत्व पर जोर दिया. राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव आयोजित किए जाने के दौरान तनाव कम करने की मांग की है. ब्लिंकन ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के मंत्री लियू जियानचाओ के साथ बैठक की. इसके कुछ समय बाद उन्होंने एशिया में अमेरिका के सबसे मजबूत सहयोगियों में से एक जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा से मुलाकात की।
शनिवार के चुनाव में स्वतंत्रता की ओर झुकाव रखने वाली सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की जीत की स्थिति में बाइडन प्रशासन ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को कम रखने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिका, ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर रहा है और चुनाव के तुरंत बाद द्वीप पर एक अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बना रहा है.
समाचार साइट ‘जापान टुडे’ के अनुसार ताइवान के अलावा ब्लिंकन और कामिकावा ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध एवं मार्च की शुरुआत में जापान के प्रधानमंत्री की अमेरिका की संभावित राजकीय यात्रा की तैयारी पर चर्चा की।
‘जापान टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार कामिकावा ने कहा, ‘‘जैसा कि दुनिया एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है, तो उसे देखते हुए विभिन्न मुद्दों से निपटने में जापान-अमेरिका गठबंधन की भूमिका पहले कभी इतनी बड़ी नहीं रही।’’
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बैठक में हुई बातचीत के ब्योरे के अनुसार ब्लिंकन ने कामिकावा से कहा कि गठबंधन ‘‘वास्तव में हिंद-प्रशांत में शांति, सुरक्षा और समृद्धि की आधारशिला है’’।
अनुभवी चीनी राजनयिक लियू ने न्यूयॉर्क की यात्रा की थी और ब्लिंकन के साथ उनकी मुलाकात अमेरिकी यात्रा का हिस्सा थी। इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि चीन ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करने के अमेरिकी बयानों को लेकर गंभीर है। लियू ने ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स’ को बताया, ‘‘हमें उम्मीद है कि अमेरिकी पक्ष इस प्रतिबद्धता का सम्मान करेगा।’’
लियू के चीन के अगले विदेश मंत्री बनने की संभावना है. द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने के लिए सैन फ्रांसिस्को में राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात के लगभग दो महीने बाद लियू की यात्रा हुई. काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस से बात करते हुए लियू ने कहा कि चीन युद्ध नहीं चाहता है