तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर कब्जे के बाद जिन चीजों का डर था, वो अब सच साबित होता नजर आ रहा है. अफगानिस्तान में तालिबान ने मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) को भंग कर दिया है. तालिबान सरकार का कहना है कि उसके पास फंड की कमी है. देश 501 मिलियन डॉलर के बजट घाटे का सामना कर रहा है. उसने देश में मानवाधिकार आयोग जैसे विभाग को गैर-जरूरी बताया. मानवाधिकार आयोग के अलावा 4 और विभागों को भी तालिबान सरकार ने समाप्त कर दिया है.
ये भी पढ़ें-Chitrakoot News: चोरों को आ रहे थे डरावने सपने, मंदिर से चोरी अष्टधातु की 14 मूर्तियां वापस रख गए
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक तालिबान सरकार के उप-प्रवक्ता इनामुल्लाह समांगनी ने कहा, "ये विभाग बहुत जरूरी नहीं थे और इन्हें बजट में शामिल नहीं किया गया था. इसलिए इन्हें भंग कर दिया गया है.' बता दें कि तालिबान ने बीते साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता संभाली थी और कहा था कि वो अपने गवर्नेंस मॉडल में उदारता को शामिल करेगा. लेकिन अब मानवीय अपराधों के लिए कुख्यात तालिबान की सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं.