ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कंजरवेटिव पार्टी के संसदीय दल के नेता (Chairman of the Conservative Party) पद से इस्तीफा दे दिया है. बतौर प्रधानमंत्री वो अक्टूबर तक काम करेंगे. इससे ब्रिटेन के नए नेता की तलाश तेज हो गई है. आइए जानते हैं कि कैसे ब्रिटेन के अगले पीएम का चुनाव किया जाएगा?
ब्रिटेन में दो बड़ी पार्टी- कंजरवेटिव और लेबर
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सबसे पहले इसको ऐसे समझिए ब्रिटेन में दो बड़ी पार्टियां हैं कंजरवेटिव और लेबर. भारत में जिस तरह लोकसभा सांसद का चुनाव होता है उसी तरह ब्रिटेन में लोग हाउस ऑफ कॉमन्स (House of Commons) के लिए अपने सांसद का चुनाव करते हैं. ब्रिटेन में कुल 650 संसदीय क्षेत्र हैं. इनमें से 533 क्षेत्र इंग्लैंड में, 59 स्कॉटलैंड में, 40 वेल्स में और 18 नॉर्दर्न आयरलैंड में हैं. पार्लियामेंट एक्ट के मुताबिक ब्रिटेन में भी पांच साल के अंतर पर आम चुनाव होते हैं.
2 सांसदों का प्रस्ताव जरूरी
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सबसे पहले कैंडिडेट को नेतृत्व के लिए आगे आना होगा. नेतृत्व के लिए कई लोग आगे आ सकते हैं. नए नेता के चुनाव के लिए 2 सांसदों का प्रस्ताव जरूरी है. ऐसे में कई पार्टी नेता प्रधानमंत्री के लिए दावेदारी कर सकते हैं. इसके लिए पार्टी सांसदों को कई राउंड की वोटिंग करनी होगी. एक नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी. जिसे ज्यादा वोट मिलेंगे, वो दावेदार होगा. ये वोटिंग तब तक होगी, जब तक केवल दो कैंडिडेट्स रेस में न रह जाएं. अमूमन यह वोटिंग मंगलवार और गुरुवार को होती है. आखिर में 2 कैंडिडेट के लिए भी वोटिंग होगी, उनमें से जो जीतेगा, उसे नया प्रधानमंत्री बनाया जाएगा.
प्रक्रिया में कितना समय लगेगा
उस प्रक्रिया के लिए कोई तय वक्त नहीं है, ये इसपर निर्भर करता है कि रेस में कितने कैंडिडेट्स हैं और वोटिंग में कितना वक्त लगता है. 2016 में डेविड कैमरून के इस्तीफे के बाद थेरेसा मे सिर्फ 3 हफ्ते में नेता चुन ली गईं थीं, क्योंकि बाकी कैंडिडेट्स ने नाम वापस ले लिए थे. वहीं 2019 में जॉनसन को जेरेमी हंट ने चैलेंज किया था. थेरेमा मे रिजाइन कर चुकी थीं और बोरिस जॉनसन दो महीने में बोरिस प्रधानमंत्री बन गए थे.