चीन (China)की धमकियों से बेअसर अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi)ताइवान पहुंच चुकी हैं. जहां ताइपे एयरपोर्ट पर भारी सुरक्षा अलर्ट के बीच ताइवान (Taiwan) के नेताओं ने उनका स्वागत किया. आम तौर पर रोशनी से गुलजार रहने वाले एयरपोर्ट पर लाइट को धीमा रखा गया था. ऐसा नैंसी पेलोसी की सुरक्षा (Security) को ध्यान में रखकर किया गया. सुरक्षा अधिकारियों ने नैंसी पेलोसी को चारों तरफ से कवर कर रखा था. वहीं अमेरिकी नेवी और एयरफोर्स के 24 एडवांस्ड फाइटर जेट्स ने नैंसी के प्लेन को एस्कॉर्ट किया.
अमेरिका और ताइवान को चीन की वॉर्निंग
नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही पूरी दुनिया (World) की नज़र चीन के रिएक्शन पर थी. चीन ने कहा कि नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा आग से खेलने जैसा है और इसका परिणाम दुनिया लंबे वक्त तक याद रखेगी. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वो ताइवान के पास 4 अगस्त से 7 अगस्त तक टारगेटेड मिलिट्री ऑपरेशन (military operation) चलाएंगे. इसमें लाइव फायर ड्रिल भी शामिल होंगी.
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अलर्ट पर ताइवान
वहीं पेलोसी के पहुंचने के बाद ताइवान ने भी Level-2 का अलर्ट जारी कर दिया गया है. यह अलर्ट युद्ध के लिए तैयार करने को लेकर जारी हुआ है. गौर करने वाली बात ये है कि ऐसा अलर्ट ताइवान में 1996 के बाद पहली बार जारी किया गया है.
चीन की धमकी का अमेरिका पर असर नहीं
बता दें कि अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने से पहले भी चीन ने अमेरिका (USA) को धमकी दी थी और यहां तक कह दिया था कि नैंसी पेलोसी ने ताइवान में एंटर किया तो चीनी फाइटर जेट उन्हें घेर लेंगे, लेकिन अमेरिका ने चीन की धमकियों की परवाह किए बगैर बता दिया कि वो जहां जाना चाहता है जाएगा.
पेलोसी के ताइवान दौरे का विरोध क्यों ?
दरअसल चीन वन-चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश की तरह देखता है. चीन की मंशा हमेशा से ताइवान पर कब्जा करने की रही है. अमेरिका भी वन चाइना पॉलिसी (One China Policy) को मानता है, लेकिन साफ तौर पर कहता रहा है कि वो ताइवान पर चीन का कब्जा नहीं देख सकता.
चीन का ताइवान पर साइबर अटैक
वहीं ऐसी भी ख़बरें आईं कि नैंसी पेलोसी के ताइवान के दौरे से पहले चीन ने ताइवान पर साइबर अटैक किया. काफी देर तक ताइवान के राष्ट्रपति तफ्तर की वेवसाइट डाउन रही और उस पर 502 server error दिखता रहा. साइबर अटैक को लेकर सीधे चीन पर ही आरोप लगे.
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