Myanmar Army Attacks: यूक्रेन में 20 दिनों से जारी रूसी हमले पर दुनिया भर की नजरें टिकी और लगातार चर्चा में है, लेकिन भारत के पड़ोस में स्थित एक और देश म्यांमार (Myanmar) में भी तख्तापलट के बाद लंबे समय से आम नागरिकों पर हमला (Air Strike) जारी है पर इस ओर किसी का ध्यान नही गया.
म्यांमार में सैन्य तानाशाह (military dictatorship) पर उनके शासन के विरोध में उतरे लोगों को दबाने और चुप कराने में पूरी ताकत झोंक देने के आरोप लग रहे हैं. कथित अत्याचारी जुंटा के खिलाफ लड़ने के लिए मिलिशिया का गठन करनेवाले आम नागरिकों को लड़ाकू जेट और हेलिकॉप्टरों से रॉकेट हमलों का सामना करना पड़ रहा है.
कथित तौर पर क्षेत्र में सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे एक संगठन, फ्री बर्मा रेंजर्स ने कैमरे पर जुंटा सरकार के हमलों को कैद करने का दावा किया है. एफबीआर के डेविड इयुबैंकने न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि "मुझे लगता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बर्मा में ये सबसे भयानक लड़ाई है और काचिन में यह कुछ वर्षों से चल रहा है . उन्होंने बताया कि मैं हमले वहां हो रहे हैं, जहां नागरिकों को चिकित्सीय और खाद्य सहायता मुहैया कराई जा रही है, हवाई हमले, दिन में एक या दो बार नहीं बल्कि एक के बाद एक हो रहे है, सैनिक अंधाधुंध गोलाबारी कर रहे हैं. जिससे हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं.
बता दें कि 1 फरवरी, 2021 को म्यांमार में सेना ने चुनावों के बाद तख्तापलट किया जिसमें आंग सान सू की (aung san suu kyi) की पार्टी ने भारी बहुमत से जीत हासिल करने का दावा किया. चुनाव के बाद सेना ने विपक्ष का समर्थन किया जिसने चुनावी धोखाधड़ी का दावा किया था. हालांकि, चुनाव आयोग ने इस आरोप को खारिज कर दिया था. इसके बावजूद तख्तापलट हुआ और आंग सान सू ची को विभिन्न आरोपों में जेल भेजा गया.