Who is Rishi Sunak: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कंजर्वेटिव पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. बतौर प्रधानमंत्री वो अक्टूबर तक काम करेंगे. अक्टूबर में पार्टी का सम्मेलन होगा, इसमें नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा. बहरहाल, ये तो रहीं बोरिस जॉनसन की इस्तीफे की बात लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि अक्टूबर में ही सही, लेकिन जॉनसन के बाद अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. इस रेस में वैसे तो कई नाम चर्चा हैं. सबसे आगे भारतीय मूल के ऋषि सुनक माने जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि ऋषि सुनक के बारे में...
ऋषि सुनक कौन हैं?
ऋषि सुनक की उम्र अभी सिर्फ 41 साल है. वह ब्रिटेन में काफी लोकप्रिय और मशहूर हैं. जॉनसन के इलेक्शन कैम्पेन में ऋषि का अहम रोल रहा. प्रेस ब्रीफिंग में भी सरकार के चेहरे के तौर पर ज्यादातर वही नजर आते रहे. कई मौके तो ऐसे आए जब टीवी डिबेट में बोरिस की जगह पर ऋषि ने हिस्सा लिया. इसको लेकर विपक्षी लेबर पार्टी ने सवाल भी उठाए थे और पूछा था कि असली प्रधानमंत्री कौन है.
वर्ष 2017 से ही वे श्रीमद्भागवत गीता पर हाथ रखकर अपने पद की शपथ लेते रहे हैं. उनके पूर्वज पहले भारत से ईस्ट अफ्रीका गए थे और फिर वहां से ब्रिटेन आकर बस गए. आम लोगों के बीच ऋषि खूब पसंद किए जाते हैं और उनके काम की अक्सर तारीफ होती है. 2020 में ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी ने सर्वे करवाया था, जिसमें वहां के 60 फीसदी लोगों ने ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना पसंदीदा उम्मीदवार बताया था.
नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही ऋषि सुनक की मुलाकात इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई थी. वहां दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. बाद में उनकी शादी अक्षता मूर्ति के साथ हो गई और इस तरह ऋषि सुनक, भारतीय बिजनेसमैन नारायण मूर्ति के दामाद बन गए. पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषि सुनक ने कई कंपनियों में काम भी किया है और फिरद चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट और थेलेम पार्टनर्स में पार्टनर रहे. इसके बाद उन्होंने मजबूती के साथ ब्रिटेन की राजनीति में कदम रखा.
ऋषि सुनक से जुड़े विवाद
2015 में वो पहली बार सांसद बने. ब्रेग्जिट का पुरजोर समर्थन कर अपनी पार्टी में ताकतवर बने. यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने की बोरिस जॉनसन की पॉलिसी का समर्थन किया. लोकप्रियता के बावजूद सुनक को पत्नी अक्षता पर लगे टैक्स चोरी के आरोपों के चलते आलोचना का भी सामना करना पड़ा.
दरअसल, अक्षता के पास ब्रिटिश नागरिकता नहीं हैं. ब्रिटिश कानून के मुताबिक, अक्षता को ब्रिटेन के बाहर से होने वाली कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. सिर्फ ब्रिटिश नागरिकों को यह टैक्स देना पड़ता है. इस वजह से सुनक और अक्षता पर सवाल उठे. एक आरोप यह भी है कि सुनक ने भले ही कोरोना दौर में राहत दी हो, लेकिन नागरिकों पर टैक्स का बोझ बढ़ाने में भी कसर बाकी नहीं रखी.
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