इस वक्त पाकिस्तान की राजनीति में इमरान खान के अलावा दो चेहरे छाए हुए हैं... PM इन वेटिंग शहबाज शरीफ (PM in Waiting Shehbaz Sharif) ... और National Assembly में खेल की हर बिसात रचने वाले बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari). आज हम बात करेंगे शहबाज की. शहबाज की पहचान भारत में पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई के तौर पर ज्यादा है लेकिन कहानी इससे आगे भी बहुत है और पीछे भी...
PML-N के प्रेसिडेंट शहबाज़ (Shehbaz Sharif) ने सोमवार को एक बार 'civilian martial law' लागू करने को लेकर इमरान पर हमला बोला और इसे असंवैधानिक करार दिया. उन्होंने ये सब कहा पीपीपी चेयरपर्सन बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) की बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में.
इससे पहले शहबाज, पाकिस्तान कौम को लेकर दिए गए अपने एक एक बयान की वजह से विवादों में आ गए थे. उन्होंने कहा था कि गरीब अपनी मर्जी का फैसला नहीं कर सकते. हमें कौम का पेट पालना है. हम कैसे किसी से (अमेरिका से) लड़ सकते हैं?
1 अप्रैल को संयुक्त विपक्ष के पीएम चेहरा शहबाज़ शरीफ़ की प्रेस कॉन्फ़्रेंस (Shehbaz Sharif Press Conference) में एक पत्रकार ने सवाल पूछते हुए कहा कि आप दो दिन में PM बनने जा रहे हैं, तो शाहबाज़ शरीफ़ ने उन्हें बीच में ही टोक दिया और कहा कि दो नहीं डेढ़ दिन में जनाब! इसी प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में शुरुआती संबोधन के बाद सवाल जवाब शुरू होने से पहले एक फ़ोन आ गया. शहबाज ने कैमरे के सामने ही फ़ोन पर कुछ शब्दों में बात की. बाद में पत्रकार ने पूछा कि किसका फ़ोन था तो शहबाज़ शरीफ़ (Shehbaz Sharif) ने कहा किसी जादूगर का नहीं था, अल्लाह मियां के एक बंदे का फ़ोन था. ऐसा अंदेशा है कि ये फोन लंदन से नवाज शरीफ का था...
जब भारत में नरेंद्र मोदी पहली बार पीएम (Narendra Modi First Term as Prime Minister) बने, तब पाकिस्तान में नवाज शरीफ सत्ता में थे. मोदी के शपथग्रहण (Modi Oath as Prime Minister) से लेकर बाद में कुछ ऐसे मौके आए जब उनकी और नवाज की मुलाकात हुई. कई बार खुलेतौर पर तो कई बार कथित रूप से गुपचुप अंदाज में... इन मुलाकातों के पीछे कथित तौर पर जो नाम सामने आए थे उनमें जिंदल परिवार और शाहबाज शरीफ भी थे. जिंदल समूह के सज्जन जिंदल और शरीफ परिवार की दोस्ती भी किसी से छिपी नहीं है. दोनों की कारोबारी दोस्ती ने पाकिस्तान की सियासत में जबर्दस्त भूचाल मचाया है.
कौन हैं Shehbaz Sharif?
राजनीतिक जीवन || Shehbaz Sharif Political Career
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली में अगस्त 2018 से ही विपक्ष के नेता हैं. Pakistan Muslim League-N (PML-N) के प्रेसिडेंट इससे पहले तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री का जिम्मा संभाल चुके हैं. वह पंजाब प्रांत के सबसे लंबे कार्यकाल वाले CM हैं.
1988 में शहबाज पंजाब प्रांत की विधानसभा के लिए और 1990 में नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे. वे 1993 में फिर से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए और उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया. 1997 में पहली बार मुख्यमंत्री चुने गए.
1999 में पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट के बाद, शहबाज ने अपने परिवार के साथ सऊदी अरब में कई साल बिताए. 2007 में वह फिर से पाकिस्तान लौट आए.
2008 के आम चुनावों में प्रांत में पीएमएल-एन की जीत के बाद वह दूसरी बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने.
वह 2013 में तीसरी बार पंजाब के सीएम बने. 2018 के आम चुनावों में पार्टी की हार तक अपना कार्यकाल पूरा किया. भाई नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद वह पीएमएल-एन अध्यक्ष बने. 2018 के चुनावों के बाद उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया.
28 मार्च को शाहबाज ने ही इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.
शहबाज का परिवार || Shehbaz Sharif Family
23 सितंबर 1951 को शहबाज का जन्म लाहौर, पाकिस्तान में पंजाबी भाषी कश्मीरी परिवार में हुआ था. पिता, मोहम्मद शरीफ एक कारोबारी थी. इनका परिवार कश्मीर के अनंतनाग से पाकिस्तान में माइग्रेट हुआ था और बीसवीं सदी की शुरुआत में पंजाब के अमृतसर जिले के जाति उमरा गांव में बस गया था. शहबाज़ की मां का परिवार कश्मीर के पुलवामा से था. 1947 में भारत के विभाजन के बाद शहबाज़ के माता-पिता अमृतसर से लाहौर चले गए थे.
शहबाज के दो भाई हैं, अब्बास शरीफ और नवाज शरीफ. शहबाज से राजनीति का कहकहा भाई नवाज के साथ ही सीखा. नवाज जहां 3 बार पाकिस्तान के पीएम बने, तो शहबाज तीन बार पंजाब प्रांत के सीएम रहे हैं. शहबाज की शादी नुसरत शहबाज से 1973 में हुई. इनके 4 बच्चे - सलमान, हमजा, दो जुड़वा बेटियां- जावेरिया और राबिया हैं.
2003 में, Shehbaz ने दूसरी पत्नी Tehmina Durrani से निकाह किया. वह लाहौर में परिवार के पुश्तैनी घर Raiwind Palace में रहते हैं. .
शहबाज की संपत्ति || Shehbaz Sharif Assets
शहबाज, परिवार का पारंपरिक काम करते हैं. वह एक कारोबारी हैं और जॉइंटली Ittefaq Group का मालिकाना हक रखते हैं. 2013 में, शहबाज अपने भाई नवाज से भी ज्यादा संपत्ति के मालिक थे. तब उनकी संपत्ति 336.9 मिलियन की थी.
Money-Laundering Case
दिसंबर 2019 में, नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए शहबाज और उनके बेटे हमजा शरीफ की 23 संपत्तियों को जब्त कर लिया था. सितंबर 2020 में, NAB ने शाहबाज को लाहौर हाई कोर्ट में गिरफ्तार किया. सुनवाई के दौरान उन्हें जेल में रखा गया था.
बाद में लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर रिहा कर दिया.