History of Halloween festival : दक्षिण कोरिया में हैलोवीन फेस्टिवल (Seoul Halloween stampede) के दौरान 151 लोगों की जान चली गई. जबकि 150 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं. लेकिन कैसे? हैलोवीन फेस्टिवल होता क्या है? कहां से इसकी शुरुआत हुई, इसे क्यों मनाते हैं? दरअसल पश्चिमी देशों (western countries) में लोग हैलोवीन डे को बड़े उत्साह से मनाते हैं. यह फेस्टिवल अब देश के लगभग सभी हिस्सों में भी काफी मशहूर हो रहा है.
- 31 अक्टूबर को मनाया जाता है हैलोवीन फेस्टिवल
- हैलोवीन का इतिहास लगभग 2000 साल पुराना
- पश्चिमी देशों में बड़े धूमधाम से मनाता है ईसाई समाज (Christian Society)
- 31 अक्टूबर का दिन सेल्टिक कैलेंडर (celtic calendar) का आखिरी दिन
- नए साल की शुरूआत के रूप में मनाते हैं सेल्टिक लोग
- हैलोवीन की शुरुआत आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी
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दरअसल ईसाई समुदाय के लोगों में हैलोवीन डे को लेकर मान्यता है कि भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति (peace to the souls of ancestors) मिलती है. अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों के कई राज्यों में इसे नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन लोग डरावने या यूं कहें कि भूतिया गेटअप के साथ सड़क पर निकलते हैं. लोग भूत-चुड़ैल, जॉम्बीज की तरह दिखने की कोशिश करते हैं.
आजतक की खबर के मुताबिक इस त्योहार पर कभी लोग कद्दू को खोखला करके उसमें डरावने चेहरे बनाते थे. फिर उसके भीतर जलती हुई मोमबत्ती रख देते थे. जिससे अंधेरे में ये डरावने दिखें. इन्हें ही हैलोवीन कहा जाता था. कई देशों में ऐसे हैलोवीन को घर के बाहर अंधेरे में पेड़ों पर लटकाया जाता है जो पूर्वजों का प्रतीक होता है. फिर त्योहार खत्म होने के बाद कद्दू को दफना दिया जाता है.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक हैलोवीन प्राचीन 'सेल्टिक त्योहार' है. माना जाता है कि इस दिन मृत लोगों की आत्माएं धरती पर आकर जीवित आत्माओं के लिए मुश्किलें पैदा करती हैं. ऐसे में लोगों के मन से आत्माओं के डर को भगाने के लिए लोग इस तरह का गेटअप रखते हैं.