जहां कुछ लोग रोज़ाना 10,000 कदम पूरे करने का टारगेट लेकर चलते हैं और उसे पूरा करने की कोशिश करते हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पूरे दिन भर में किसी भी तरह की कोई फिज़िकल एक्टविटी नहीं करते हैं.
एक रिसर्च के अनुसार हर किसी के द्वारा दी जाने वाली 10,000 कदम चलने की सलाह कोई साइंटिफिकली इस्टेब्लिश्ड गाइडलाइन नहीं है. JAMA ओपन नेटवर्क बेनिफिट नाम के जर्नल में छपी एक रिसर्च में कहा गया है कि एक दिन में 7,000 कदम चलना किसी भी कारण से मौत के खतरे को 50% से 70% तक कम कर सकता है. स्टडी में ये भी पता चला है कि जितने ज़्यादा कदम आप एक दिन में चलेंगे उतना ही असामयिक मौत का खतरा कम होगा लेकिन 10,000 कदम से ज़्यादा चलने के कोई ख़ास हेल्थ बेनिफिट्स नहीं पाए गए.
इस रिसर्च में 38 से 50 साल के 2,100 लोगों ने हिस्सा लिया. इन लोगों को तीन हिस्सों में बांटा गया था. पहले वो लोग जिन्होंने एक दिन में 7,000 कदम से कम वॉक किया, दूसरे वो जो एक दिन में 7,000 से 9,999 कदम चले और तीसरे हिस्से में बंटे लोग एक दिन में 10,000 से ज़्यादा कदम चले.
मज़ेदार बात ये है कि क़दमों की इंटेंसिटी या स्पीड बढ़ाने का मौत के खतरे को कम करने में कोई फायदा नज़र नहीं आया. वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों को हर दिन पहले दिन से ज़्यादा कदम चलने पर ध्यान देना चाहिए और अपने शरीर की ज़रूरत को समझते हुए इंटेंसिटी और स्पीड तय करनी चाहिए.
इस रिसर्च से ये बात भी साफ़ हो गई की खुद को स्वस्थ रखने के लिए आपको किसी जिम या फैंसी इक्विपमेंट की ज़रूरत नहीं होती है. बहुत से ऐसे मोबाईल फोन ऍप्लिकेशन्स हैं जो आपके स्टेप्स को ट्रैक करने में मदद करते हैं. आपको बस वॉक करना शुरू करना है.