क्या तुम ड्रग्स का इस्तेमाल करते हो या तुम्हें नशे की लत है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों से हां में नहीं सुनना चाहेंगे. लेकिन ना चाहते हुए भी कई बार बच्चे इस दलदल में फंस जाते हैं और मां बाप को पता भी नहीं चल पाता और जब पता लगता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है और बच्चा इसका आदि हो चुका होता है.
आजकल टीनएजर्स में नशे की लत बढ़ती जा रही है. भारत में लगभग डेढ़ करोड़ बच्चे नशे की लत का शिकार हैं. मई 2019 से जून 2020 के दौरान एम्स, नई दिल्ली के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस सेंटर ने एक सर्वे किया जिसमें 8वीं से 12वीं क्लास के लगभग 6000 बच्चों ने हिस्सा लिया. जिसके नतीजे चौंकाने वाले थे. इस सर्वे के अनुसार 10% बच्चों ने ड्रग्स का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की. ये रिसर्च आपको डरा सकती है और ये सोचने पर मजबूर कर सकती है कि कहीं आपका बच्चा भी नशे की लत का शिकार तो नहीं हो रहा है. लेकिन इस बात का पता कैसे लगाएं कि आपका बच्चा ड्रग अब्यूज़ या ड्रग अडिक्शन का शिकार है?
जब कोई नशा करने या मज़े लेने के मकसद से ड्रग्स का इस्तेमाल करता है तो उसे ड्रग अब्यूज़ कहते हैं. जब ये मज़ा आदत बन जाए और आप उसके बिना रह ना पाएं, आपको कब, कितनी मात्रा में और कैसे इसका इस्तेमाल करना है इस पर आपका कंट्रोल ना रहे तो ये ड्रग अडिक्शन कहलाता है.
आपको बताते हैं बच्चे के व्यवहार और दिनचर्या में कुछ बदलावों के बारे में जिन पर ध्यान देकर आप पता लगा सकते हैं कि आपका बच्चा ड्रग्स का इस्तेमाल कर रहा है और समय रहते उन्हें रोक सकते हैं.
- अगर आपका बच्चे की फिज़िकल हेल्थ में कोई अंतर नज़र आ रहा है और वो शरीर से सुस्त लग रहा है
- अगर आपका बच्चा सबके साथ उठने बैठने की बजाय अकेले कमरे में बैठना पसंद करे या डिप्रेसिव फील करे
- हर समय चिड़चिड़ा रहना, गुस्सा करना, घर के कामों में कम शामिल होना, आपकी बातों का विरोध करना
- अगर बच्चा आपसे बातें छुपाने लगे और दोस्तों के साथ या घर से बाहर ज़्यादा वक़्त बिताने लगे
- अगर आपको उसका फ्रेंड सर्किल बदला हुआ लग रहा है
- उनके मूड, ईटिंग और स्लीपिंग पैटर्न में कोई अंतर नज़र आये
- दोस्तों से छुप के बातें करें और आपके आने पर बात बदलने की कोशिश करें
- अगर अपने रूम में फ्रेशनर या परफ्यूम का ज़्यादा इस्तेमाल करने लगें
- अचानक आपसे पॉकेट मनी बढ़ाने की डिमांड करने लगें
- आपको उनके रूम में ड्रग्स के लिए इस्तेमाल होने वाली चीज़ें जैसे पाइप्स या रोलिंग पेपर मिलें
- आपके मेडिकल किट से पेनकिलर्स या मूड स्टैबिलाइज़र्स गायब होने लगें
- अगर वो आपसे नज़रें चुराने लगें और बात करते समय उनकी ज़ुबान लड़खड़ाए
- उनके मुंह के आसपास छाले या घाव नज़र आएं
ये कुछ वार्निंग साइंस हैं जिन्हें आपको बिलकुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. अपने बच्चे की गतिविधियों पर ध्यान दें, उनके दोस्तों के बारे में जानकारी रखें और अपने बच्चों का दोस्त बनने की कोशिश करें.