इंडोनेशिया की सबसे घनी आबादी वाले जावा के सबसे ऊंचे पर्वत सेमेरू पर स्थित ज्वालामुखी के फटने से आसपास के कई किमी तक के इलाके में दिन में ही रात हो गई है. ऐसा ज्वालामुखी से निकले लावा से उठे धुएं और राख की वजह से हुआ है. बताया जा रहा है कि ज्वालामुखी से निकलने वाला धुंआ और राख 15,000 मीटर की ऊंचाई तक फैल चुका है. आसमान की विजिबिलिटी ना के बराबर है. ऐसे में इस रूट से गुजरने वाले विमानों को भी अलर्ट जारी कर दिया गया है, कई फ्लाइट्स कैंसिल भी कर दी गई हैं.
वहीं इस ज्वालामुखी विस्फोट से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 13 हो गई है. इसके अलावा राहत बचाव कार्य में जुटे कर्मचारियों ने फिलहाल मलबे से 10 लोगों को बचाने में सफलता हासिल कर ली है. इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन एजेंसी बीएनपीबी के मुताबिक मारे गए लोगों में से दो की पहचान हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ लोग ऐसे क्षेत्रों में फंसे हुए हैं जहां बचावकर्मियों की पहुंच नहीं है,
बता दें कि सेमेरु इंडोनेशिया के 130 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और सबसे घनी आबादी वाले प्रांतों में से एक में स्थित है. यह इस साल का दूसरा विस्फोट है. पिछला एक जनवरी में हुआ था, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था.