Pulse Benefits: दालें लगभग हर किसी के किचन में पाई जाती है. ये एक सुपरफूड है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है. आज से नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हज़ारों सालों से दाल को अलग अलग तरीके से खाया जा रहा है. दालें जैसे कि बीन्स, मटर और लेंटिल को प्लांट बेस्ड प्रोटीन का काफी अच्छा सोर्स माना जाता है. लेकिन आपके किचन में मौजूद इन दालों के और भी कई ऐसे फायदे हैं जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे.
ब्लैक बीन्स हों या राजमा, ग्रीन पीज हो या किसी भी कलर और शेप की दाल. दालों में आपको कई सारी वेरायटीज मिल जाएंगी जो अलग अलग तरह के न्यूट्रिएंट्स से भरपूर हैं. आधी कटोरी दाल में आपको एक केले से ज़्यादा पोटेशियम, चावल से चार गुना ज़्यादा फाइबर, और सामान मात्रा में किनोवा से दो गुना ज़्यादा प्रोटीन मिल जाएगा. प्लांट बेस्ड फ़ूड में अक्सर सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स मिल जाते हैं लेकिन आयरन मिलना मुश्किल होता है लेकिन दालों में आपको आयरन भी भरपूर मात्रा में मिल जाता है.
सिर्फ आपके शरीर के लिए ही नहीं बल्कि ये फसल धरती के लिए भी काफी अच्छी मानी जाती है. जानना चाहते हैं कैसे ? दरअसल जब फसल के अवशेषों को जलाकर ख़त्म किया जाता है तो वो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होता है लेकिन दाल की फसल के अवशेषों को जलाने पर दूसरी फसलों के मुकाबले कार्बन का उत्सर्जन कम होता है. ये हवा से नाइट्रोजन अब्ज़ॉर्ब कर के सॉयल तक पहुंचाने में भी मदद करती हैं जिससे नाइट्रोजन बेस्ड फ़र्टिलाइज़र की ज़रूरत भी पूरी हो जाती है.
दाल की शेल्फ लाइफ नैचुरली ही काफी ज़्यादा होती है इसलिए इन्हें लंबे वक़्त तक स्टोर कर के रखा जा सकता है. आप इन्हें सुखा कर या ऐसे ही एयर टाइट डिब्बे में बंद कर के सालों तक स्टोर कर सकते हैं और कभी भी अपना क्विक मील तैयार कर सकते हैं.
हालांकि दालों को अक्सर मीट के रिप्लेसमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है लेकिन मीट बेस्ड डिशेज के साथ भी ये बहुत अच्छी लगती हैं. आप अपने पसंद की दाल को सूप या मीट सॉस का टेक्सचर और स्वाद बढाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं.