CBD या कैनाबिडायोल भांग के पौंधे से निकाले जाने वाले मैरूआना का एक ज़रूरी कॉम्पोनेन्ट है. भांग में CBD दूसरा सबसे ज़्यादा बिकने वाला कॉम्पोनेन्ट है. आपको बता दें अकेले CBD से नशा नहीं किया जा सकता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन के अनुसार, CBD का इस्तेमाल करने पर इसकी आदत लगने इस पर निर्भर हो जाने का कोई जोखिम नहीं होता है. CBD का प्यूर फॉर्म में इस्तेमाल करने के बाद किसी तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी हुई हो ऐसे भी कोई प्रमाण आज तक नहीं पाए गए हैं.
CBD कई रूप में पाया जाता है जैसे ऑइल, एक्सट्रैक्ट्स, पैचेज़ और स्किन के ऊपर इस्तेमाल करने के लिए. इसे दवाई की तरह इस्तेमाल ना कर के ज़्यादातर सप्लीमेंट की तरह इस्तेमाल किया जाता है.
भारत में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत CBD ऑइल का उत्पादन लीगल माना जाता है. हालांकि दवाइयों में भांग का इस्तेमाल हमारे देश में उतना प्रचलित नहीं है और बॉलीवुड में ड्रग्स के इस्तेमाल को लेकर हुई कंट्रोवर्सीज़ ने फिर से CBD के इस्तेमाल पर कलंक लगाने का काम किया है.
CBD को कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को सही करने में कारगर माना जाता है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट बताती है कि एंग्ज़ायटी, इंसोम्निया और अर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द को सही करने में CBD ऑइल कारगर साबित हो सकता है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ और सीबम प्रोडक्शन को कम करने की खासियत होती है जिसकी वजह से CBD ऑइल को स्किन पर लगाने से ये मुंहासों की समस्या में आराम देने का काम कर सकता है. हालांकि रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि CBD के इस्तेमाल के कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे नॉज़िया, थकान या इरिटेशन होना. इसलिए ज़रूरी है कि आप इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले लें और किसी विश्वसनीय ब्रांड से ही इसे खरीदें.