किचन में आप कुछ भी बनाने के लिए जाइए एक ऐसी चीज़ जिसके बिना कोई भी रेसिपी अधूरी है वो है ऑयल यानी तेल. सलाद से लेकर नूडल्स तक, करी से लेकर पकौड़ों तक हर डिश को बनाने के लिए तेल का इस्तेमाल किया जाता है. तेल हमारी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का जितना ज़रूरी हिस्सा बना गया है उतना ही इसका हमारी सेहत पर भी असर होता है, यही कारण है कि अब लोग रेगुलर ऑयल इस्तेमाल करने के बजाय उसका हेल्दी विकल्प ढूंढने लगे हैं.
बाजार में कई तरह के तेल उपलब्ध हैं. कोल्ड प्रेस्ड, ऑर्गनिक, वर्जिन और रिफाइंड. ये शब्द आपके अक्सर टीवी या न्यूज़पेपर में छपे किसी तेल के विज्ञापन में ज़रूर देखे होंगे. इन सभी तेलों का इस्तेमाल मल्टी बिलियन डॉलर की FMCG इंडस्ट्री द्वारा अपने मार्केटिंग गिमिक के तौर पर किया जाता है. चलिए आपको बताते हैं कुकिंग ऑयल के इन लेबल्स पर लिखे अलग- अलग टर्म्स का मतलब क्या है ?
रॉ ऑयल
जब सीड या फ़ूड आइटम में बिना किसी कैमिकल का इस्तेमाल किये मशीन या कोल्हू में सीधा मसल कर उसका तेल निकाला जाता है तो वो होता है रॉ ऑयल. रॉ ऑयल न्यूट्रिशन से भरपूर होते हैं लेकिन इनकी शेल्फ लाइफ काफी कम होती है क्योंकि इनमें किसी तरह के प्रेज़रवेटिव का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. रॉ ऑयल खाना बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है लेकिन चेहरे और बालों में लगाने के लिए इसे बहुत अच्छा माना जाता है.
कोल्ड प्रेस्ड ऑयल
आजकल ऑयल मार्केट में ये शब्द आपको काफी सुनने को मिल रहा होगा. लगभग हर ब्रांड ने कोल्ड प्रेस्ड ऑयल मार्केट में उतारा हुआ है. आपके दिमाग में भी कभी ना कभी तो आया ही होगा कि आखिर ये कोल्ड प्रेस्ड का मतलब होता क्या है? जब मशीन की मदद से कंट्रोल्ड टेम्प्रेचर में तेल को निकाला जाता है और इस दौरान किसी भी तरह की हीट का इस्तेमाल नहीं किया जाता, तब निकलता है कोल्ड प्रेस्ड ऑयल. इस तकनीक में किसी भी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता जिसकी वजह से इसका फ्लेवर और ज़्यादा इन्हेंस्ड हो जाता है और उस बीज से होने वाले फायदे भी आपको मिलते हैं.
इन ऑयल्स का फ्लेवर काफी अच्छा होता है. कोल्ड प्रेस्ड ऑयल में खाना बनाते वक़्त गैस को लो फ्लेम में रखना चाहिए ताकि हीट के कारण तेल के गुणों पर असर ना पड़े.
अन रिफाइंड ऑयल
जब तेल निकालते वक़्त हल्की हीट का तो इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कैमिकल का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाता उसे कहते हैं अन रिफाइंड ऑयल. इसे वर्जिन ऑयल भी कहा जाता है. आजकल खाना बनाने में इन तेल का काफी इस्तेमाल किया जाता है. इस तेल में थोड़ा फ्लेवर और न्यूट्रिशनल वैल्यू दोनों मौजूद होते हैं. वर्जिन ऑयल में खाना बनाते वक़्त भी कम आंच का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है .
रिफाइंड ऑयल
अलग अलग नाम से कई तरह के रिफाइंड ऑयल आपको मार्केट में मिल जाएंगे. रिफाइंड ऑयल बनाने के लिए कंट्रोल्ड हाई टेम्प्रेचर पर सीड को मसला जाता है. इसके लिए मशीन का इस्तेमाल किया जाता है और साथ में केमिकल ट्रीटमेंट करके इसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाया जाता है. इस प्रोसेस के कारण तेल का असली स्वाद खत्म हो जाता है. इन तेलों का स्मोक पॉइंट हाई होने की वजह से इन्हें तेज़ आंच पर खाना बनाने के लिए उपयुक्त माना जाता है.
कौन सा कुकिंग ऑयल है आपके लिए सही ?
अब तक आपकी समझ में ये तो आ गया होगा कि तेल निकालने के तरीके का तेल के स्वाद और टेक्सचर पर कैसे असर पड़ता है. इसलिए आप जो डिश बना रहे हैं उसके हिसाब से तेल का चुनाव कर सकते हैं. कोल्ड प्रेस्ड ऑयल जैसे कोकोनट, ऑलिव और सेसमे ऑयल को दिल की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है लेकिन तेज़ आंच में इस तेल का इस्तेमाल इसको ट्रांस फैट में बदल देता है जो आपको फायदा करने के बजाय नुकसान पहुंचा सकता है.
ज़्यादातर भारतीय घरों में तेज़ आंच पर और देर तक खाना पकाया जाता है जिस लिहाज़ से भारतीय व्यंजन बनाने के लिए रिफाइंड ऑयल बेहतर ऑप्शन है. अनरिफाइंड और कोल्ड प्रेस्ड ऑयल को आप सलाद, ब्रेड, कुक्ड मीट में इस्तेमाल कर सकते हैं.