दिसंबर महीना शुरु होते ही दुनियाभर में लोगों को क्रिसमस का बेसब्री से इंतज़ार रहता है. चाहे वो सांता क्लॉज़ का इंतज़ार हो...तोहफे लेने देने का रिवाज़...घरों को सुंदर रोशनी से सजाना हो या फिर प्लम केक से लेकर एक से बढ़कर एक लजीज़ पकवानों का लुत्फ उठाना हो. पूरा परिवार इस त्योहार को पूरे उल्लास के साथ मनाने के लिए जुटता है.
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यूं तो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला क्रिसमस के त्योहार का महत्व मुख्य रूप से ईसाईयों के लिए अधिक होता है, लेकिन सभी धर्मों के लोग इस त्योहार को बढ़चढ़ कर मनाते हैं. ये त्योहार प्रभु यीशू के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है. बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि क्रिसमस का पर्व 1 दिन का नहीं बल्कि पूरे 12 दिन का त्योहार है और ये क्रिसमस से एक दिन पहले शाम से ही शुरू हो जाता है जिसे हम क्रिसमस ईव कहते हैं. क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग प्रभु यीशु को याद करके कैरोल गाते हैं.
क्रिसमस के दिन दुनिया भर के चर्चों में प्रार्थना की जाती है और प्रभु यीशु की जन्मगाथा की अलग-अलग झांकियां दिखाई जाती है. इस दिन लोग घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं और उसे सुन्दर-सुन्दर गिफ्ट्स और डेकोरेटिव्स से सजाते हैं. खासकर इस त्योहार को लेकर बच्चों में बहुत क्रेज़ रहता है क्योंकि इस दिन उन्हें सैंटा क्लॉज़ का इंतज़ार जो रहता है, वही सैंटा क्लॉज़ जो उनके लिए प्यारे-प्यारे तोहफे लेकर आते हैं. इसके अलावा लोग प्रेम और भाईचारे का संदेश देने के उद्देश्य से एक-दूसरे के घर जाते हैं.
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