कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन- ए जैसे पोषण तत्वों से भरपूर दूध सेहत के लिए ज़रूरी खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है. लेकिन इस सब के बावजूद ऐसा ज़रूरी नहीं हैं कि हर व्यक्ति के लिए दूध का सेवन लाभकारी ही हो.
फैटी लिवर (Fatty Liver) से ग्रस्त मरीज़ों के लिए दूध स्लो पॉइजन की तरह काम करता है. हेपेटिक स्टीटोसिस (Hepatic Steatosis) जिसे आम भाषा में फैटी लिवर कहा जाता है, इसमें लिवर के आसपास एक्स्ट्रा फैट बनने लगता है. फैटी लिवर के मरीजों को खाना पचने में दिक्कत होती है, ऐसे में उन्हें अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है.
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन मरीजों को डाइट में ज़्यादा प्रोटीन वाले फ़ूड आइटम्स को शामिल नहीं करना चाहिए. दूध में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, साथ ही दूध को पचने में वक़्त भी ज़्यादा लगता है जिससे सूजन और फैट बढ़ने लगता है.
इसलिए फैटी लिवर (Fatty Liver) होने पर दूध का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. अपने लिवर को हेल्दी रखने के लिए ग्रीन टी, छाछ, नारियल पानी और फ्रेश जूस को डाइट में शामिल करना चाहिए.
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