कलकत्ता हाईकोर्ट के एक सीनिर जज ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए नारदा रिश्वत मामले (Narada case) को हैंडल करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. जस्टिस अरिंदम साहा ने एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेश बिंदल समेत तमाम सीनियर जजों को एक पत्र लिख कर कहा है - 'हम मजाक बन गए हैं'. अपने सहयोगियों के 'अशोभनीय आचरण' की आलोचना करते हुए जस्टिस साहा ने चिट्ठी में मामले को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के ‘हस्तक्षेप’ और CBI कोर्ट से TMC के नेताओं को मिली जमानत पर रोक लगाने पर सवाल उठाए हैं.
जस्टिस साहा ने लिखा कि - हाईकोर्ट को एक साथ काम करने की जरूरत है, जबकि हमारा व्यवहार उच्च न्यायालय के आचरण के खिलाफ रहा है. जस्टिस साहा ने आरोप लगाया कि - CBI की नारदा मामले को बंगाल के बाहर शिफ्ट किए जाने की याचिका को कलकत्ता हाईकोर्ट ने गलत तरीके से रिट पिटिशन के रूप में लिस्ट किया, और इस कारण इसे सिंगल बेंच की जगह डिवीजन बेंच को सौंप दिया गया. उन्होंने कहा कि इसमें संविधान से संबंधित कानून का कोई बड़ा सवाल ही नहीं है, इसके लिए सिंगल बेंच ही काफी था. आपको बता दें, खुद CBI कोर्ट ने भी इस मामले में सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी.