Viral photo: बेबस अफगानी !....अमेरिकी प्लेन में 150 की जगह बैठे 640 लोग
अमूमन तख्ता पलट के बाद दुनिया के सारे देशों के सामने जो सबसे मुश्किल काम होता है वो है, अपने नागरिकों और दूतावास के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का. अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के कंट्रोल के बाद कुछ ऐसी ही चुनौती भारत के सामने पेश आई. 15 और 16 अगस्त को हालात इतने बिगड़ दए थे निकासी नजर नहीं आ रही थी, तालिबान ने हाई सेक्यूरिटी वाले ग्रीन ज़ोन का भी उल्लंघन कर दिया था. आइये सिलसिलेवार जानने की कोशिश करते हैं कि काबुल से भारतीयों को निकालने के इस ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया गया, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
-इंडियन एयरफोर्स C-17 के दो विमानों को काबुल भेजा गया था
-इनका काम एंबेसी स्टाफ और ITBP के जवानों को वापस लाना था
-इस बैच के 45 भारतीयों को एयरपोर्ट के रास्ते पर रोका गया था
- आतंकियों ने भारतीय स्टाफ के सामान को भी छीना था
-अराजकता के माहौल में भारत के पहले एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी
-सोमवार को एयरपोर्ट बंद होने की वजह से निकासी नहीं हो पाई
- मंगलवार को दूतावास के 120 से ज्यादा सदस्य दूसरे विमान में सवार हुए
-सुबह सुरक्षित रूप से अफगान हवाई क्षेत्र पर विमान ने उड़ान भरी
-मंगलवार सुबह 10 बजे के आस-पास ये लोग दिल्ली पहुंचे