पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. पाक अखबार डॉन के मुताबिक आतंकवाद के वित्तीय मदद पर निगाह रखने वाली FATF की 27-सूत्रीय कार्ययोजना के बकाया तीन बिंदुओं को पूरा करने के लिए कम से कम दो कानूनों को बनाना होगा. FATF की बैठक अब जून में होनी है, लिहाजा पाकिस्तान को इससे पहले ही ये कवायद पूरी करनी होगी. FATF ने पाकिस्तान से 2019 के अंत तक मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग रोकने के लिए कार्य योजना लागू करने को कहा था, लेकिन कोरोना के कारण इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया था. बता दें पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल होने के कारण करीब 38 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है.