पेगासस सॉफ़्टवेयर (Pegasus Software) से जासूसी के मामले पर भारत समेत कई और देशों में जमकर हंगामा मचा हुआ है. अब खुलासा हुआ है कि सऊदी अरब के बाग़ी पत्रकार जमाल खशोगी (Jamal Khashoggi) की हत्या के पहले उन पर निगरानी रखने के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल हुआ था. खशोगी की हत्या 2 अक्टूबर 2018 को इंस्ताबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास (Saudi Consulate) में की गई थी.
अब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि उसके एक साल पहले से ही उन पर नजर रखी जा रही थी. BBC के मुताबिक खशोगी की पत्नी हनान एलातर (Khashoggi's wife Hanan Eltar) के फ़ोन में पेगासस सॉफ़्टवेयर लगाया जा चुका था और पति-पत्नी के बीच होने वाली हर बातचीत को सुना जा रहा था. यहां तक की उनकी मंगेतर (Khashoggi's fiancée) हातिच चंगेज के फोन में भी पेगासस लगा हुआ था. जब खशोगी सऊदी दूतावास अंतिम बार गए थे तबक उनकी मंगेतर बाहर उनका इंतजार कर रही थी लेकिन वे कभी भी लौट कर नहीं आए. उसके बाद भी हातिच चंगेज के फोन में पेगासस कई दिनों तक सक्रिय रहा. ऐसा शक है कि इजरायल ने ही सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को पेगासस सॉफ्टवेयर दिया था.