न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में छोटे-छोटे केमिकल का ग्रुप थैलेट्स (Phthalates) जो मेकअप या प्लास्टिक के कंटेनर जैसे डेली इस्तेमाल किये जाने वाले प्रोडक्ट्स में हो सकता है, उसका संबंध हर साल अमेरिका में हो रही 1 लाख मौतों से जुड़ा पाया है.
शैंपू, डिटर्जेंट, मेकअप, परफ्यूम और बच्चों के खिलौने जैसे सैंकड़ों प्रोडक्ट्स में पाये जाने थैलेट्स को दशकों से 'हॉर्मोन डिसरप्टर्स' के तौर पर जाना जाता है. आसान शब्दों में समझें तो ये शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगाड़ सकता है. नये रिसर्च में कहा गया है कि ऐसे लोग जिनमें थैलेट्स की मात्रा बेहद अधिक है उनमें किसी भी कारण से मौत का ख़तरा अधिक था खासतौर से दिल से जुड़ी बीमारी से मौत का.
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जर्नल एनवायर्नमेंटल पॉल्यूशन में रिव्यू की गई स्टडी में बताया गया है कि इंसानों द्वारा बनाये केमिकल्स का प्रभाव विकास, प्रजनन (Reproduction), मस्तिष्क, इम्यूनिटी और दूसरी समस्याओं से जुड़ा है. हालांकि, नए निष्कर्ष बताते हैं कि समाज पर phthalates का प्रभाव पहले की तुलना में बहुत अधिक है.
चलिये समझाते हैं कि आखिर थैलेट्स होता क्या है?
हर जगह मौजूद रहने के कारण इस केमिकल ग्रुप को ‘Everywhere chemical’ भी कहा जाता है. Phthalates, phthalic एसिड का एक कम्पाउंड है जो प्लास्टिक को अधिक फ्लेक्सिबल और तोड़ने में कठिन बनाने में मदद करता है और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में फ्रेगरेंस यानि सुगंध को लंबे समय तक बनाये रखता है.
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अब आप ये सोच रहे होंगे कि इस हानिकारक थैलेट्स के ख़तरे को कैसे कम किया जा सकता है, तो इसके लिए CNN से बात करते हुए, स्टडी के प्रमुख लेखक डॉ. लियोनार्डो ट्रासांडे ने कुछ तरीके शेयर किये हैं.
1. बिना खूशबू वाली पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स और क्लीनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें
2. फूड स्टोरेज के लिए कांच, स्टेनलेस स्टील, सेरेमिक या लकड़ी के कंटेनर को तवज्जो दें
3. पैकेज़्ड या प्रोसेस्ड की जगह ताज़े या फ्रोज़न फल और सब्ज़ियों का इस्तेमाल करें
4. आपके हाथों में भी केमिकल ना रहे इसीलिए इसे हटाने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोएं
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