Fitness: अगर आप अपने वर्कआउट रूटीन से बोर हो गए हैं और फिट रहने के लिए कोई नया तरीका ढूंढ रहे हैं तो आप भी पिलाटेस (Pilates) ट्राई कर सकते हैं. पिलाटेस ज्यादातर मसल्स स्ट्रेथनिंग के लिए किया जाता है. ये एक लो इंटेंसिटी वर्कआउट(low intensity workout) है जो ना सिर्फ आपकी मसल्स और बोन को मज़बूत करता है बल्कि फ्लेक्सिबिलिटी और इम्यूनिटी भी बढ़ाता है.
इस वर्कआउट का नाम जोसफ पिलाटेस के नाम पर पड़ा जिन्होंने 1920 में ये एक्सरसाइज रूटीन तैयार किया था. इसमें लगभग 600 एक्सरसाइसेज़ और अलग अलग वेरिएशंस का कॉम्बिनेशन मिलेगा जो हर ऐज, जेंडर और फिटनेस लेवल को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. योग की तरह पिलाटेस में भी डीप ब्रीथिंग पर काफी फोकस किया जाता है.
पिलाटेस में अलग अलग तरह के इक्विपमेंट् का इस्तेमाल भी किया जाता है जैसे रेजिस्टेंस बैंड्स, मैजिक सर्कल जिसे पिलाटेस सर्कल भी कहते हैं, पिलाटेस रिफॉर्मर और पिलाटेस कैडिलक. नॉर्मल एक्सरसाइज की तरह ही पिलाटेस भी हफ्ते में कम से कम तीन बार करने (KARNA)चाहिए. अगर आप अपने शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी या स्ट्रेंथ बढ़ाना चाहते हैं तो हफ्ते में 4 या 5 दिन पिलाटेस क्लासेज जा सकते हैं.
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आपको बताते हैं पिलाटेस के कुछ और फायदे:
कोर स्ट्रेंथ बढ़ाने में मददगार
पिलाटेस आपकी कोर मसल्स को एक्टिवेट करने में मदद करती (KARTA)हैं. ये आपके पेट, पीठ और पेल्विक फ्लोर यानी पेड़ू की मसल्स को मज़बूत और फर्म करने में मदद करेगा. इसके साथ ही पिलाटे से आपको स्टबर्न बेली फैट कम करने में भी मदद मिलेगी.
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बढ़ाए फ्लेक्सिबिलिटी
योग की तरह पिलाटेस में भी स्ट्रेचिंग और बेन्डिंग एक्सरसाइज का कॉम्बिनेशन होता है. जिसके कारण ये शरीर को फ्लेक्सिबल बनाने में आपकी मदद करते हैं. जैसे जैसे आप पिलाटेस में परफेक्शन की तरफ बढ़ते जाते हैं वैसे वैसे आपके जॉइंट्स भी फ्लेक्सिबल और मज़बूत होते जाते हैं.
पॉस्चर करे इम्प्रूव
अपने डेस्क या चेयर पर लम्बे वक़्त तक झुक कर बैठने जैसी गलत आदतों की वजह से हमारा पॉस्चर खराब होने लगता है जो धीरे धीरे पीठ, गर्दन और सर दर्द का कारण बन सकता है. ये गलत आदतें आपकी मसल्स को कमज़ोर कर सकती हैं और कई बड़ी परेशानियों की वजह बन सकती हैं. पिलाटेस आपकी कमज़ोर मसल्स को मज़बूत करने और पॉस्चर सही करने में आपकी मदद करते (KARTA)हैं.
एनर्जी लेवल को बढ़ाये
पिलाटेस एक लो एनर्जी एक्सरसाइज़ है जिसके बाद आप ज़्यादा थका हुआ महसूस नहीं करते हैं. बल्कि ये आपके दिल और सांस से जुड़ी परेशानियों को कम करने और हार्ट हेल्थ को इम्प्रोव करने में मदद करता है जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशनऔर ऑक्सीजन फ्लो बेहतर होता है. इससे शरीर में ग्लूकोज़ का लेवल बढ़ता है जो एंडोर्फिन रिलीज़ करने में शरीर की मदद करता है और एनर्जी लेवल को बढ़ाता है.
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आप भी अगर पिलाटेस करना चाहते हैं तो शुरुआत में ग्रुप पिलाटेस क्लास से शुरू कर सकते हैं या पर्सनल ट्रेनर से मिल सकते हैं जो आपकी बॉडी और ज़रूरतों के हिसाब से आपके लिए एक वर्कआउट प्लान तैयार करेंगे.