वैक्सीन ले चुकी गर्भवती महिलाओं से शिशु को मिलने वाली एंटीबॉडी को लेकर नये रिसर्च में दावा किया गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन की डोज़ लेने वाली महिलाओं से उनके नवजात शिशुओं में भी उच्च स्तर की एंटीबॉडी मिलती है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी मैटरनल-फीटल मेडिसिन (American Journal of Obstetrics & Gynecology Maternal Fetal Medicine ) में स्टडी को छापा गया है.
गर्भनाल रक्त (umbilical cord blood) में एंटीबॉडी के स्तर का पता लगाने के लिए कि क्या ये एंटीबॉडी संक्रमण से है या वैक्सीन से है? अपनी तरह की ऐसी पहली स्टडी में पाया गया कि उन 36 नवजात शिशुओं में जन्म के समय कोरोना संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडीज (ANTIBODIESSSS)थे जिनकी मांओं ने प्रेगनेंसी के दौरान कोरोना के खिलाफ फाइज़र या मॉडर्ना की वैक्सीन की डोज़ ली थी.
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रिसर्चर्स ने आगे ये भी कहा कि हालांकि सैंपल का आकार छोटा है, लेकिन ये प्रोत्साहित करने वाला है कि अगर महिलाएं टीका लगवाती हैं तो नवजात शिशु में एंटीबॉडी का स्तर अधिक होगा. जिसके बाद से टीम अब एक बड़े ग्रुप के परिणामों को देख रही है, साथ ही ये भी देख रही है कि जन्म के बाद शिशुओं का टीकाकरण कितने समय तक चलता है.
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अमेरिका की सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक, प्रीनेटल यानि प्रसव से पहले वैक्सीन की सुरक्षा के बढ़ते प्रमाण के बावजूद अमेरिका में 11 सितंबर तक 18 से 49 साल की उम्र की केवल 30 फीसदी महिलाओं ने टीका लगवाया.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये आंकड़ें अधिक से अधिक महिलाओं को उनकी प्रेगनेंसी के दौरान वैक्सीन लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
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