देश में हर दिन 2 लाख नए कोरोना केस आ रहे हैं. कोरोना विस्फोट के बीच हरिद्वार के कुंभ ( Kumbh) में जुटी लाखों की भीड़ पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. 3 दिन में करीब 50 लाख लोगों ने यहां स्नान किया है. भारी भीड़ में कोरोना गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ीं, जाहिर है इतनी भीड़ में गाइडलाइंस का पालन हो ही नहीं सकता. भारत में कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर के बीच कुंभ और चुनावी रैलियों के आयोजन को लेकर विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा है और ये सुर्खियों में हैं.
द एसोसिएट प्रेस ने लिखा - भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कुंभ मेले को अनुमति दी गई, क्योंकि मोदी सरकार अपने हिंदू वोटर बेस को नाराज नहीं करना चाहती.
वॉशिंगटन पोस्ट के एक संपादकीय में कहा गया है - भारत को कोविड संक्रमण ने जकड़ लिया है लेकिन लोग अब भी गंगा नदी में स्नान के लिए लाखों की संख्या में जुट रहे हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने चुनावी रैलियों को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. अखबार ने लिखा है- हरिद्वार में धार्मिक आयोजन के अलावा, राज्यों में हो रही चुनावी रैलियों से भी भारत में कोरोना संकट गंभीर हुआ है.
तो एपी न्यूज एजेंसी ने कुंभ मेले और तबलीगी जमात को लेकर सरकार के विरोधाभास का भी जिक्र किय़ा है. वहीं अलजज़ीरा ने लिखा है कि मोदी सरकार ने संभवत हिंदू बहुसंख्यक आबादी वाले देश में धार्मिक नेताओं की नाराजगी के डर से कुंभ को रद्द ना करने का फैसला लिया.